लुधियाना-अमृतसर: तख्त दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह को एक धमकी भरा पत्र मिला है। इस पत्र को मुख्य रख ज्ञानी गुरमुख सिंह पंजाब सरकार से सुरक्षा की गुहार लगाई है। ज्ञानी गुरमुख सिंह ने शंका जिताई है कि धमकी भरे पत्र भेजने वाले उसकी हत्या भी कर सकते है। ज्ञानी गुरमुख सिंह पत्र मिलने के बाद एसजीपीसी से कुछ दिनों के लिए छुट्टी लेकर अमृतसर अपने घर पहुंच गए है। ज्ञानी गुरमुख सिह को यह पत्र उनके पैतृक गांव आरपके जिला फिरोजपुर में मिला है। ज्ञानी गुरमुख सिंह इस वक्त हरियाणा के जींद स्थित गुरूद्वारा नौंवी पातशाही में मुख्य गंथी के रूप में सेवा निभा रहे है। ज्ञानी गुरमुख सिंह ने बताया कि उनको उनके पैतृक गांव से उनके ताया के पुत्र गुरविंदर ने फोन करके बताया के उनके घर के बाहर से एक थैला मिला है।
इस थैले में जो कागज पड़े थे। इन कागजो पर ज्ञानी गुरमुख सिंह नाम नहीं लिखा है। परंतु पत्रों मे भद्दे शब्दों का उपयोग किया गया है। इस में लिखावट भी स्पष्ट नहीं है। परंतु बहुत शब्द धमकी भरे है।उनको शंका है कि कुछ लोग उनके पीछे पड़े हुए है। उनकी हत्या भी की जा सकती है। परंतु वे किसी से डरने वाले नहीं है। वे गुरू पर पूरा विश्वास रखते है और सिख धर्म के प्रचार व प्रसार के आपने काम जारी रखेंगे। उन्होंने बताया कि इस सारे मामले के संबंध में उनकी ओर से अमृतसर के पुलिस कमिश्नर और पंजाब पुलिस के डीजीपी को सूचित किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि उनको और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा पंजाब सरकार और पुलिस यकीनी बनाए। उल्लेखनीय है कि ज्ञानी गुरमुख सिंह ने तख्त दमदमा साहिब पर रहते हुए आवाज बुलंद की थी कि कौन लोग डेरा सिरसा के मुखी का माफीनामा पत्र लेकर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के पास पहुंचे थे। इस के बाद ज्ञानी गुरमुख सिंह ने डेरा मुखी की माफी के संबंध में प्रकाश सिंह बादल की कोठी में सुखबीर सिंह बादल, डा दलजीत सिंह चीमा और प्रकाश सिंह बादल की मौजूदगी में डेरा मुखी को माफी देने के संबंध में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के साथ जो भी बातचीत हुई थी उसका खुलासा सर्वजनक किया था।
जिस के बाद एसजीपीसी का नेतृत्व और अकाली दल का नेतृत्व ज्ञानी गुरमुख सिंह से काफी नाराज हो गया था। एसजीपीसी की कार्यकारिणी कमेटी ने अपने बैठक के दौरान ज्ञानी गुरमुख सिंह तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार पद से हटा दिया था और उनका तबादला हरियाणा के जींद स्थित गुरूद्वारा नौंवी पातशाही में मुख्य ग्रंथी के पद पर कर दिया था। तभी से वे उसी पद पर काम कर रहे थे। दमदमा साहिब के तख्त के जत्थेदार होने के नाते ज्ञानी गुरमुख सिंह एसजीपीसी ने अमृतसर में रिहायश उपलब्ध करवाई गई थी। जिस को अब खाली करने के लिए ज्ञानी गुरमुख सिंह पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था।
- सुनीलराय कामरेड