लुधियाना-तरनतारन : भारत-पाकिस्तान सीमावर्ती जिले तरनतारन स्थित गांव वडिंग सूबा सिंह के मेहनतकश ट्राला ड्राइवर जोगा सिंह को हाल ही में झारखंड के जिला खूंटी के तहत गांव आड़ा घाटी में नकसलियों द्वारा गोली मारकर कत्ल करने के बाद ट्राले में जिंदा जला दिए जाने की खबर के बाद जोगा सिंह के परिवार के सभी सदस्यों के पैरों से जमीन खिसकी हुई है। मध्यम वर्गीय परिवार से संबंधित जोगा सिंह की हत्या से जहां पूरा परिवार सदमे में है।
वही गांव के लोग भी इस घटना की सच्चाई जान लेने के बावजूद मानने को तैयार नही कि ट्रक चालक जोगा सिंह अब इस दुनिया में नहीं है। 8 महीने पहले ही वह परिवार के सभी सदस्यों और गांव के लोगों से मिलकर काम पर गया था और अब जोगा सिंह की 22 वर्षीय बेटी की मंगनी की तैयारी चल रही थी कि अचानक फोन द्वारा प्राप्त खबर के बाद समस्त परिवार की खुशियां मातम में बदल गई।
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विधानसभा हलका खंडूर साहिब के इस गांव में पाला सिंह का लडक़ा जोगा सिंह बहुत ही ईमानदार और मेहनतकश ट्रक चालक था, हालांकि कुछ साल पहले उसकी पत्नी नरिंद्र कौर की मौत हो गई थी, फिर भी उसने अपने ही दम पर अपनी बड़ी बेटी की शादी अच्छे परिवार में की।
जबकि दूसरी अर्शदीप कौर की शादी की बात चल रही थी कि अचानक झारखंड-बिहार में आदिवासियों की गिरफतारी के बाद 3 अगस्त को बंद की काल के दौरान जोगा सिंह अपना ट्राला राउकेला से लेकर जमशेदपुर जा रहा था। जानकारी के मुताबिक उसे बंद की काल का जरा सा भी आभास नहीं था कि राष्ट्रीय राजमार्ग का 4 कि.मी. का सफर तय करके झारखंड के गांव आड़ा घाटी में पहुंचा ही था कि नक्सलियों के समर्थकों ने जोगा सिंह का कत्ल कर दिया।
मृतक के 13 वर्षीय बेटे बलजीत सिंह ने रोते हुए कहा कि डैडी अकसर कहते थे कि मैं आकर अर्शदीप की शादी धूमधाम से करूंगा, किंतु शादी तो दूर अब हमें अपने बाप की लाश भी देखनी नसीब नहीं हो रही। जोगा सिंह के चचेरे भाई रंजीत सिंह, जीजा इकबाल सिंह और बहन बलजीत कौर ने हत्यारे नक्सलियों को फांसी दिए जाने की मांगकरते हुए कहा कि जोगा सिंह के परिवार को मुआवजे के तौर पर उचित मुआवजा मिलना चाहिए।
सुनीलराय कामरेड