लुधियाना-जगराओ : कोविड-19 के विश्व व्यापी बढ़ते प्रभाव के बीच कभी कभार ऐसे मार्मिक दृश्य दिख जाते है जिसे देखकर मानवता त्राहिमाम करने को मजबूर होती है। ऐसा ही एक मामला मानवीय भावनाओं से ओतप्रोत उस वक्त दिखा जब लुधियाना के ग्रामीण इलाके जगराओं में कोरोना पॉजिटिव आई एडीसी जगराओं नीरू कत्याल व उनकी बेटी साइशा की वायरल हो रही तस्वीरें सोशन मीडिया पर घर-घर पहुंची। अस्पताल से घर पहुंचकर एक कमरे में आइसोलेट हुई एडीसी दरवाजे पर लगे पारदर्शी शीशे से बाहर खड़ी बेटी को देखकर मुस्कुरा रही है। वहीं बाहर खड़ी बेटी मां से मिलने को उत्सुक उम्मीद भरी नजरों से कमरे में बंद मां को देख रही है। इस दरवाजे पर लगे ग्लास का किस्सा भी रोचक है।
दरअसल कोरोना पॉजिटिव आने के बाद एडीसी को डीएमसी में दाखिल करवा दिया गया। कुछ दिनों बाद वह मॉलरोड स्थित अपने सरकारी निवास पहुंची तो देखा कि जिस कमरे में उसको आइसोलेट होना है उसके दरवाजे के बीच के कुछ हिस्से से प्लाई हटवाकर पारदर्शी शीशा लगा दिया गया है।
उन्होंने पति से पूछा तो जवाब मिला कि बेटी साइशा मिलने को बेताब है। इस शीशे के जरिए उससे मिलना हो पाएगा। बेटी मिलने पहुंची तो अंदर से एडीसी मुस्कराते हुए उसे हसरत भरी नजर से देख रही है। इस तस्वीर के साथ एडीसी का लिखा मार्मिक संदेश भी है। विंडो इन द डोर हेडिंग के साथ एडीसी लिखती है कि इस ग्लास के जरिए बेटी साइशा जो उसके लिए संसार है का आइ कांटैक्ट मेरे आइसोलेशन पीरियड को आसान कर देगा।
– सुनीलराय कामरेड