लुधियाना : नशा तस्करी के मामले में पिछले दिनों स्पेशल टास्क फोर्स के शिकंजे में आएं पूर्व कपूरथला स्थित CIA के इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह की बेटी प्रिया नागपाल अपने पिता के समर्थन में उतर आई है। उसने चुनिंदा खबरों की कटिंग फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा है, कि उसके पापा ने किसी मंत्री के घुटने नहीं टेके, इसलिए उन्हें फंसा दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले 12 जून को STF की टीम ने जालंधर स्थित पुलिस लाइन से इंस्पेक्टर इंद्रजीत को दबोचा था और जालंधर और फगवाड़ा स्थित स्टाफ कवाटरों से तलाशी लेने पश्चात भारी मात्रा में अलग-अलग बंदूकों और राइफलों के बड़े पैमाने पर कारतूस-ए के 47 राइफल और नशीले पदार्थो के साथ भारतीय और विदेशी करंसी भी बरामद हुई थी। इसी मामले में पुलिस ने इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह के सहायक अजायब सिंह को भी गिरफ्तार किया था और दोनों को सरकारी सेवाओं से बरखास्त कर दिया था।
प्रिया नागपाल इन दिनों पटियाला स्थित मेडिकल कालेज में वरिष्ठ डॉक्टर है, उसने कुल 4 पोस्टें डाली है, पहली पोस्ट में लिखा कि फर्जी मीडिया द्वारा रोजाना इंद्रजीत सिंह की यह प्रापर्टी, वो प्रापर्टी लिखा जा रहा है, अगर उन लोगों के पास इतनी प्रापर्टी होती तो वह सरकारी क्वार्टरों में क्यों रहते? उनकी बेटियां किराएं के घरों में क्यों रहती? उसने यह भी लिखा है कि केवल उनका घर अमृतसर में है, जो ढाई लाख रूपए में 1991 में सरकार से लोन खरीदा गया था, जिसे मनमुताबिक बनाया गया।
उधर दूसरी तरफ अमन-अंशुमल ग्रोवर ने इस पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा कि इंद्रजीत सिंह एक ईमानदार अफसर और बेहद बेस्ट व्यक्ति है, उसने इंद्रजीत सिंह की जल्द बाहर आने की कामना की। प्रिया ने अपनी अगली पोस्ट में यह भी लिखा कि उसके पापा ने किसी मिनिस्टर के आगे घुटने नहीं टेके, जो सही था, बस वही किया। इसी कारण आज उन्हें इस केस में फंसा दिया गया।
उसने इंद्रजीत सिंह के लिए न्याय की मांग की। प्रिया ने एक अन्य पोस्ट में लिखा है कि उसे याद है कि आतंकवाद का काला दौर जब हर रोज आतंकवाद से लडऩे के लिए अपने पिता के लिए वे प्रार्थना करते थे।
उसने यह भी कहा मुझे मां के चेहरे के भाव याद है जब पिता के साथी का शव आया था, अपनी जान हमेशा हथेली में रखने वाले पापा को गैलीटरी अवार्ड मिला है, अब गैलीटरी अवार्ड लेने वाला अफसर एक फर्जी न्यूज से अपराधी बन गया? एक पोस्ट के साथ उसने एक खबर भी शेयर की, जिसमें आतंकवाद के दौरान पहनी बदन पर खाकी वर्दी थी।
- सुनीलराय कामरेड