चंडीगढ़ : संवाद साहित्य मंच की ओर से पंजाबी के वयोवृद्ध कहानीकार मोहन भंडारी को कमलावती भास्कर स्मृति अवार्ड से समानित किया गया। यह समारोह आज मकान नं. 5672ए, सैक्टर 38 वेस्ट में आयोजित किया गया। इस अवसर पर बोलते हुये मोहन भंडारी ने कहा कि कमलावती भास्कर स्मृति अवार्ड मेरे लिये सबसे बड़ा अवार्ड है। उन्होंने कहा कि यह मेरे प्रशंसकों द्वारा दिया गया है। उन्होंने कहा कि मैं अभी तक 99 कहानियां लिख चुका हूं। लेकिन 100वीं कहानी अभी लिखनी बाकी है। उन्होंने कहा कि भारत विभाजन की पीड़ा इतनी पुरानी होते हुये भी मुझे अभी भी सदमा और कष्ट देती है।
कार्यक्रम के आरंभ में मंच के अध्यक्ष और साहित्यकार प्रेम विज ने भंडारी के परिचय देते हुये कहा कि भंडारी जी का पंजाबी कहानियों में बहुत अधिक योगदान है। उनकी कहानियों की विशेषता यह है कि उनमें पंजाब की स यता और संस्कृति के दर्शन होते हैं।
मोहन भंडारी पर बोलते हुये प्रसिद्ध साहित्यकार जंग बहादुर गोयल ने कहा कि मोहन भंडारी को सम्मानित करना पूरे पंजाबी साहित्य को स मानित करने के समान है। इनकी कहानियों में बिच्छू के डंक सी सिहरन है। इनकी कहानियां सोचने पर मजबूर करती हैं। कहानीकार एन.एस. रतन ने कहा कि मोहन भंडारी की कहानी देश की सर्वश्रेष्ठ कहानियों में शामिल है।
गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष केके शारदा, एनएस रतन, जंग बहादुर गोयल, प्रेम विज और सुभाष भास्कर ने दोशाला और स्मृति चिह्न भेंट कर मोहन भंडारी को कमलावती भास्कर स्मृति अवार्ड से स मानित किया।
इस अवसर पर उनके स मान में काव्य गोष्ठी का भी आयोजन हुआ जिसमें शशि प्रभा, प्रेम विज, अशोक नादर, कैलाश आहलूवालिया, प्रज्ञा शारदा, सुभाष भास्कर, इंद्रजीत कौर, अमरजीत अमर, बलबीर तन्हां, सुभाष शर्मा, जंग बहादुर गोयल, परमजीत परम, एनएस रतन, ललिता पुरी, सुशील हसरत नरेलवी आदि ने अपनी कविताओं और गजलों से माहौल को काव्यमय बना दिया।
– उमा शर्मा