अमृतसर : शहर के भरत नगर इलाके में अमृतसर-बटाला रोड पर अज्ञात लोगों ने आज एक हिंदू संगठन के नेता की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी। हिंदू संघर्ष सेना के जिला प्रमुख विपन शर्मा (45) भरत नगर इलाके में एक दोस्त की दुकान के बाहर खड़े थे जब हमलावरों ने उनपर एक दर्जन गोलियां बरसायीं। इससे पहले गत 17 अक्तूबर को लुधियाना में इसी तरह की एक घटना में आरएसएस के एक नेता रविंद्र गोसैन की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। पुलिस ने कहा कि मोटरसारइकलों पर सवार चारों हमलावर नकाबपोश थे, उनमें से दो ने शर्मा पर गोलियां चलायीं और फरार हो गए।
शर्मा को एस्कॉर्ट अस्पताल ले जाया गया जहां लाने के साथ ही उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। अस्पताल के निदेशक डॉ एच पी सिंह ने बताया कि मृतक के शरीर पर 15 जगह जख्म थे जिनमें से आठ गोलियों के निशान थे। अमृतसर के पुलिस आयुक्त एस एस श्रीवास्तव ने कहा कि घटना इलाके में लगे सीसीटीवी में कैद हो गयी है। फुटेज हासिल कर ली गयी और पुलिस आरोपियों के स्केच बनवाकर उनकी शिनाख्त करने में लगी है।
उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद ही गोलियों की कुल संख्या का पता चलेगा लेकिन इस समय यह कहा जा सकता है कि घटनास्थल पर करीब 12 गोलियां चलायी गयीं जो सीधे पीडत़र को लगीं। पुलिस आयुक्त ने कहा, यह एक लक्षित हमला है और हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं खासकर पूर्व में मिली किसी तरह की धमकी की। मृतक के कुछ परिजनों एवं मित्रों ने कहा कि शर्मा ने पूरी सक्रियता के साथ घल्लूघरा सप्ताह (ऑपरेशन ब्लू स्टार वर्षगांठ) के खिलाफ अपनी आवाज उठायी थी और इसलिए हाल में पुलिस सुरक्षा के लिए भी आवेदन किया था। शर्मा पेशे से एक केबल ऑपरेटर थे और पिछले कुछ सालों से शहर में अपना कारोबार चला रहे थे।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने हत्या की निंदा करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस शासन के तहत राज्य में कानून एवं व्यवस्था नहीं है। एक प्रेस विज्ञप्ति में शिअद अध्यक्ष ने कहा कि पूरे राज्य में हिंसा का दौर चल रहा है और कोई भी इससे बचा नहीं है। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर बदमाशों को कानून का मजाक बनाने की छूट देने का आरोप लगाया। पंजाब शिव सेना ने भी हिंदू नेता की हत्या की निंदा की है। शिवसेना के प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजेश पाल्टा ने आरोप लगाया कि एक के बाद एक हो रही हिंदू नेताओं की हत्या से पंजाब में आतंकवाद की वापसी का संकेत मिलता है।
उन्होंने कहा, अगर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पूरी कड़ई से मुद्दे से नहीं निपटते और इसकी बजाए धार्मिक कट्टरपंथियों को लेकर शिअद-भाजपा (पूर्ववर्ती सरकार) की तरह नरम रूख की नीति को आगे बढ़ते हैं तो पंजाब पूर्व की तरह एक बार फिर आतंकवाद के काले दिनों की तरफ लौट जाएगा तथा राष्ट्रीय अखंडता एवं बंधुत्व पर खतरा पैदा होगा।