लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र की रक्षा के लिये सतर्क लोगों और स्वतंत्र मीडिया की जरूरत : बादल

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल ने मंगलवार को कहा कि भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र को खतरे से बचाने के लिए एक मजबूत और स्वतंत्र मीडिया के अलावा लोगों की निरंतर सतर्कता की आवश्यकता है।

चंडीगढ़ : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल ने मंगलवार को कहा कि भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र को खतरे से बचाने के लिए एक मजबूत और स्वतंत्र मीडिया के अलावा लोगों की निरंतर सतर्कता की आवश्यकता है।
बादल ने यहां बयान जारी कर कहा कि किसी में भी देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला करने की हिम्मत नहीं होनी चाहिए जैसा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को किया था । 
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में आंतरिक आपातकाल की घोषणा किये जाने को याद करते हुए बादल ने कहा, ‘‘लेकिन जहां लोग सतर्क नहीं होंगे और मीडिया की स्वतंत्रता से समझौता होगा वहां सरकारों में नागरिक स्वतंत्रता और बुनियादी स्वतंत्रता में किसी न किसी कारण से कटौती करने की प्रवृत्ति किसी भी समाज में हमेशा खतरा बनी रहेगी।’’ 
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के कारण ही दुनिया भर में भारत का आदर होता है । उन्होंने कहा कि ये दोनों मूल्य ऐसी अधारशिला है जिस पर देश की इमारत खड़ी है । 
पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके बादल ने कहा, ‘‘इन दोनों में से किसी के साथ छेड़छाड़ खतरनाक साबित हो सकता है । लोकतांत्रिक मूल्यों का आदर, शांति एवं सांप्रदायिक सद्भाव हमारे देश की समृद्धि एवं इसके विश्व शक्ति बनने के लिए आवश्यक है ।’’ 
बादल ने कहा कि इंदिरा गांधी द्वारा थोपे गए आपातकाल ने राजनीतिक दलों सहित सभी लोगों को चौंका दिया था क्योंकि भारत स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश के तौर पर जमीन की तलाश कर रहा था। 
उन्होंने, ‘‘देश की स्वतंत्रता के 30 साल बाद आपतकाल लागू किया गया । देश में लोकतंत्र किशोरावस्था से गुजर रहा था और दुनिया में कई लोग इस बात के लिए सशंकित थे कि क्या भारत और भारतीय इसके लिए तैयार हैं।’’
उन्होने कहा, ‘‘लेकिन मुझे इस बात का विशेष गर्व है कि इस गंभीर परिस्थिति में शिरोमणि अकाली दल के नेतृत्व में तानाशाही के खिलाफ मोर्चा शुरू किया गया, जो आपातकाल की समाप्ति के बाद ही खत्म हुआ ।’’ 
उन्हेंने प्रेस का धन्यवाद किया जो आपातकाल का विरोध करने के लिए ‘‘एकमात्र दूसरा बल’’ था। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

five × 2 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।