लुधियाना-अमृतसर : सरबत खालसा द्वारा नियुक्त तख्तों के जत्थेदारों द्वारा एक हुकमनामे के जरिए बलात्कार के मामले में चर्चा का विषय बने शिरोमणि कमेटी सदस्य और वरिष्ठ पूर्व अकाली मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह को सिखी से खारिज कर दिया गया। इस बरखास्तगी के साथ ही बीते दिनों गुरूद्वारा छोटा घल्लुघारा साहिब छंडकाहनूवान स्थित ट्रस्ट के सचिव बूटा सिंह द्वारा एक महिला के साथ कुकर्म करने के मामले में दोषी करार दिए गए बूटा सिंह को भी सिखी से खारिज करने का हुकमनामा जारी हुआ है।
जबकि गुरुद्वारा साहिब के अध्यक्ष मास्टर जौहर सिंह को 12 अक्टूबर को श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर अपना स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए है। सुच्चा सिंह लंगाह को उसकी सिख व पंथ विरोधी गतिविधियों व एक मजबूर औरत के साथ कुकर्म की बजर कुरैहत में दोषी पाए जाने के कारण कौम से निष्कासित किया है। सिख कौम को हिदायत दी गई कि उपरोक्त दोनों आरोपियों के साथ रोटी बेटी की सांझ करने वाले सिख भी गुरुघर के बराबार के आरोपी होंगे।
इससे पहले सरबत खालसा के जत्थेदार तख्त श्री अकाल तख्त साहिब के भाई ध्यान सिंह मंड, तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार भाई बलजीत सिंह दादूवाल, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार भाई अमरीक सिंह अजनाला के अतिरिक्त भाई मेजर ङ्क्षसह और भाई सूबा सिंह द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब पर कुछ वक्त विशेष बैठक की गई। बैठक के बाद हुकमनामा सुनाते हुए भाई ध्यान सिंह मंड ने कहा कि अकाली नेता व एसजीपीसी के पूर्व सदस्य सुच्चा सिंह लंगाह की ओर से किया गया अपराध एक बजर धार्मिक कुरैहत है। जिसे माफी नहीं किया जा सकता। लंगाह द्वारा किए अपराध से सिख कौम का सिर दुनिया भर में नीचा हुआ है। जिस कारण लंगाह सिख कौम का अपराधी है। उसे कौम से निष्कासित किया जाता है।
जिक्रयोग है कि एसजीपीसी के पंज सिंह साहिबानों द्वारा सुच्चा सिंह लंगाह के मामले में 5 अक्तूबर को विशेष बैठक बुलाई गई है लेकिन सरबत खालस के जत्थेदारों द्वारा इस बैठक से एक दिन पहले ही अपना हुकमनामा जारी करके पंथ को फरमान सुना दिया है।
– सुनीलराय कामरेड