लुधियाना: स्वयं के ऊपर हुए हमले का ड्रामा रचाने वाला
तथाकथित शिवसेना हिंदुस्तान का स्वयंभू नेता अपने ही बुने जाल में उस वक्त फंस गया
जब उसने पुलिस के समक्ष जाकर अपने ऊपर हुए आतंकवादी प्राणघातक हमले का नाटक किया।
पुलिस जांच में इस हमले की परतें खुली तो पुलिस ने उसे सुरक्षा देने की बजाए अपनी
हिरासत में ले लिया।
लुधियाना के पुलिस कमीश्रर राकेश अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत
करते हुए बताया कि ढंडारी एरिया के निवासी शिवसेना हिंदुस्तान के मजदूर विंग के
नेता नरेंद्र भारद्वाज ने पुलिस को शिकायत दी थी कि 6 मार्च को किसी अनजान शख्स ने उसकी गाड़ी पर हमला किया। जांच के दौरान यह तथ्य
सामने आएं कि उसकी गाड़ी की ट्राले से टक्कर हुई थी और सुरक्षा लेने के लिए
शिवसेना नेता ने अन्य नेताओं को साथ लेकर झूठी शिकायत दर्ज करवाई थी।
पुलिस
कमीश्रर के मुताबिक तथाकथित शिवसेना नेता ने पुलिस को उस वक्त बताया था कि जब वह 6 मार्च की रात को वह काम से घर लौट रहा था तो दोशिवसेना हिंदुस्तान मोटरसाइकिल सवार युवकों ने
रोककर उसकी गाड़ी का अगला शीशा तोड़ दिया। हमलावर उसे मारना चाहते थे मगर वह भागने
में कामयाब रहा।
पुलिस ने छह दिन की जांच के बाद शिवसेना नेता को ही
गिरफ्तार कर आपराधिक मामला दर्ज करके गिरफतार किया है। शिवसेना हिंदुस्तान ने एक
प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए उपरोक्त नेता को संगठन से निष्कासित किया है।
नेता ने पुलिस को बताया था कि वह रात को आठ बजे
फैक्टरी से घर की तरफ जा रहा था। तभी उस पर हमला हुआ है। पुलिस ने जब जांच शुरू की
और आसपास के सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो उनसे कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद उसके
मोबाइल की लोकेशन निकलवाई गईं तो पता चला कि जिस समय हमला होने की बात उसकी तरफ से
कही गई है तो उसका मोबाइल फोन की लोकेशन उसके घर की आ रही थी। इसके बाद पुलिस ने
वहां के सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो पता चला कि वह उस समय घर पर ही था। पुलिस ने
उसे थाने बुलाकर जब पूछताछ की तो वह इससे मना करने लगा। जब उसे सबूत दिखाए गए तो
उसने माना कि उसने सिक्योरिटी के लिए ही ऐसा किया है।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि उसे काफी समय पहले कुछ
दिनों के लिए गनमैन दिए गए थे। वह दोबारा से गनमैन मांग रहा था और इसके लिए उसने
कार्यालय में संपर्क भी किया था। पिछले दिनों मिले कुछ इनपुट के बाद कुछ हिंदू
नेताओं को सुरक्षा कर्मचारी मुहैया करवाए गए थे। जिस कारण उसकी ओर से भी सुरक्षा
के लिए यह पूरा ड्रामा रचा गया था।
सुनीलराय
कामरेड