लुधियाना-अमृतसर : करीब 6 माह तक चलने वाले बरगाड़ी मोर्चा की आधी-अधूरी मांगे, नकोदर कांड, मौड़ बम कांड के दोषियों की गिरफतारी को लेकर आज दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजायाफता कैदी भाई जगतार सिंह हवारा की 5 सदस्यी पंथक संघर्ष कमेटी समूह के जत्थेबंदियों द्वारा आज केंद्रीय जेल अमृतसर के बाहर बड़ा रोष प्रदर्शन किया गया। इस रोष धरने में अधिकांश सिख युवकों ने बढ़चढक़र हिस्सा लिया। शांतमयी चले रोष धरने में अलग-अलग सिख जत्थेबंदियों के प्रवक्ताओं ने देश की जेलों में सजा पूरी कर चुके सिख कैदियों की रिहाई की मांग रखी।
जानकारी के मुताबिक बरगाड़ी मोर्चे की अचानक समाप्ति के बाद मोर्चे की अधूरी मांगों को मनवाने के लिए बनाई गई पांच सदस्यीय कमेटी के नेतृत्व में अलग अलग सिख जत्थेबंदियों के कार्यकर्ताटों ने अमृतसर सेट्रल जेल फताहपुर के बाहर रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी यहां सतनाम वाहेगुरु का धरने के दौरान जाप करते रहे। वहीं पांच सदस्यीय टीम के नेताअेां ने इस आंदोलन को लेकर अपने विचार पेश करते हुए कहा कि अलग अलग जेलों के बाद पंथक संगठनों का प्रदर्शन तब तक बारी बारी चलता रहेगा जब तक जेलों में बंद उन सभी सिखों को रिहा नहीं किया जाता जो अपना सजाएं पूरी कर चुके है।
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धरने पर बैठे पंथक कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पांच सदस्यीय कमेटी के नेताओं प्रो बलजिंदर सिंह , नारायण सिंह चौडा , मास्टर संतोख सिंह, अमर सिंह चाहल और जसपाल सिंह हेरां ने कहा कि इस वक्त आधी दर्जन के करीब सिख कैदी ऐसे है जिन को तुंरत रिहा किया जाना बनता है। जो अपनी सजाएं पूरी कर चुके है। परंतु गुप्तचर एजेंसियों की रिपोर्टों को मुख्य रख इन सजाएं पूरी कर चुके कैदियों को रिहा नहीं किया जाता। वैसे डेढ दर्जन के करीब कैदियों को रिहा किया जाना जरूरी है। जिस को जानबूझ कर रिहा नही किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जब बरगारी मोर्चो की समाप्ति बिना कोई परिणाम निकाले कर दी गई तो सरबत खालसा की ओर से श्री अकाल तख्त साहिब के तैनात किए गए जत्थेदार जगतार सिंह हवारा के आदेशों पर पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी ताकि बरगाडी मोर्चे की मांगों को मनवाया जा सके। उन्होंने कहा कि पांच सदस्यीय कमेटी की ओर से पंजाब सरकार को 15 फरवरी तक का अल्टीमेंटम दिया गया था मोर्चे की मांगे स्वीकार करने का जो एलान किया गया है उसे लागू किया जाए। परंतु सरकार ने मांगों को लागू नहीं किया जिस को मुख्य रखते हुए लिए गए फैसले के अनुसार ही सिख संगत की ओर से उन जेलों के बाहर बारी बारी शांतिमय ढंग से प्रदर्शन किए जा रहे है जिन जेलों के अंदर सिख कैदी बंद है। कमेटी की मांग है कि बरगाडी कांड के सभी दोषी पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया जाए।
बेअदबी की घटनाओं को अंजाम दिलवाने में डेरा मुखी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। बहिबल कलां गोली कांड के दोषी पुलिस अधिकारियों समेत पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल को कानूनी घेरे में लाकर उनके खिलाफ मुकद्दमे दर्ज किए जाएं। राज्य की अन्य जेलों में बंद सिख कैदियों को पंजाब की जेलो में तबदील किया जाए।
प्रदर्शनकारी मांग करते है कि वर्ष 1986 में हुए नकोदार कांड में शांतिमय ढंग से बेअबदी कांड को लेकर प्रदर्शन करने वाले 4 युवाओं को जिन पुलिस अधिकारियों ने गोलियां चला कर मार दिया था उन दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। मौड़ बम कांड के दोषियों के खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
इस प्रदर्शन में पंजाबी एकता पार्टी के ओर से प्रगट सिंह चोगावां, बलदेव सिंह सिरसा, सुखजीत सिंह खोसा , मास्टर बलदेव सिंह , जत्थेदार नारायण सिंह तरना दल, भुपिंदर सिंह पहलवान जर्मनी, पिप्पलप्रीत सिंह , महांवीर सिंह , जसबीर सिंह झब्बाल, हिम्मत ए खासला जत्था, अखंड कीर्तनी जत्था, जत्था सिरलत्थ खालसा, यूथ फेडरेशन भिंडरावाला, अकाल खालसा दल, इंसाफ संघर्ष मिशन, दशमेश ब्रिगेड, बाबा दीप सिंह गतका अखाडा, भाई फौजा सिंह गतका अखाडा, व श्री गुरु ग्रंथ साहिब सतिकार कमेटी के सदस्य भी शामिल हुए।