लुधियाना : हा हा हा…तुमहारी तीनों लडकियां मेरे पास है..अगर तीनों लडकियों की सलामी चाहते हो तो पुलिस को मत बताना और उन्हें छुडाने के लिए पचास करोड रूपये मुझे देना, पैसे कब, कहां और कैसे लाने है, वह हम आपको फोन पर बतायेंगे.. भले ही यह डायलॉग आपने किसी बालीवुड मसाला मूवी में कई बार देखे व सुने होंगे लेकिन क्या हो यदि यह लाइनें आपके घर में एक चिट्टी में लिखी मिले और आपके घर की बच्चियां घर से लापता हो। ऐसा कुछ हुआ लुधियाना के दो पडोसी परिवारों के साथ, जिसमें एक के घर से जब उपरोक्त लाइनें लिखी चिट्टी मिली तो उनके पैरों के तले से जैसे जमीन खिसक गई। महानगर की घनी आबादी क्षेत्र अमरपुरा के रहने वाले अशोक कुमार दो नाबालिग बच्चियां इसा (13) व चंादनी (7) व उनके पडोसी राजिंदर सिंह की बारह वर्षीय बेटी पलक अचानक लापता हो गई, जिसके बाद उनके घर में यह चि_ियां मिली तो उनके होश फाखता हो गए। जिस पर तुरंत परिवारो ने इसकी शिकातय पुलिस को दी। यह सूचना पाकर पुलिस को भी जैसे हाथों पैरों की पड गई। एक नहीं दो नहीं तीन-तीन नाबालिग बच्चियों का एकाएक लापता होना तथा उपर से अपहरण व फिरौती की बरामद चिट्टी ने पुलिस के माथे पर पसीने व चिंता की लकींरे उकेर दी।
डीसीपी ध्रूमण निंबले ने बताया कि मामला गंभीर होने के चलते तुरंत इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को देते हुए विशेष टीमों का गठन किया गया। परिवार के उतने समृद्व न होने के चलते पुलिस को पचास करोड की फिरौती की रकम समझ से परे लगी तथा उसने पहले अपनी जांच का केंद्र लडकियों व परिवार तक ही रखा। इस बीच पुलिस के लिए सबसे अच्छी बात यह आई कि लापता नाबालिग लडकियों के पास दो मोबाइल चल रहे थे तथा सौभागयवश दोनों ही ऑन थे।
बस, फिर क्या था पुलिस ने तुरंत एक्शन करते हुए इन नंबरों को लोकेशन सर्च पर लगा दिया। जिस पर कुछ ही समय में फोन की लोकेशन चंडीगढ के नजदीक गांव कजहेडी की आई। डीसीपी के अनुसार पुलिस को यह क्लू काफी था। जिस पर तुरंत पुलिस ने वायरल व व्हाटस एप के जरिये लडकियों की फोटो व अन्य हुलिया चंडीगढ व आस पास की पुलिस के साथ शेअर किया तथा लुधियाना से भी टीमें माता-पिता को साथ लेकर लोकेशन स्थल की ओर रवाना कर दी। जिस पर पुलिस ने लडकियों को चंडीगढ के नजदीक कजहेडी रोड पार केके होटल के पास लडकियों को सकुशल बरामद करके परिवार वालों के सुपुर्द कर दिया और चैन की सांस ली।
डीसीपी के अनुसार लडकियों की बरामदगी के बाद जो कहानी सामने आई, वो काफी हैरानीजनक व रौंगटे खडे करने वाली थी। असल में यह लडकियां खुद ही घर से भागी थी और इसके पीछे का कारण इन्होंने मुंबई में जाकर अपने पसंदीदा सीरियल हीरो से मिलना था। इसमें एक लडकी पलक जोकि सैंट थामस स्कूल ब्राउन रोड पर पढती है, को टीवी सीरियल देखने का काफी शौक है तथा वह हिंदी सीरियल कुककुम भागय के हीरो अभी यानि सबीर आहलुवालिया की बहुत बडी फैन है। उसने अपने पडोस में रहती सहेलियों इसा व चांदनी से मिलकर सलाह बनाई कि अभी से मिलने मुंबई जाते है। जिस पर छह नवंबर को शाम को पलक ने हिंदी भाषा में उपरोक्त लाइनें लिखकर अपने घर में छोड दी और जाते हुए घर से पच्चीस-छब्बीस सौ रूपये व अन्य सामान लेकर बैग लेकर चीमा चौक से चंडीगढ वाली बस के जरिये सैक्टर 43 चंडीगढ पहुंच गई जहां से आगे इनका मुंबई जाने का प्रोग्राम था लेकिन पुलिस ने मुस्तैदी से इनको सकुशल बरामद कर लिया।
डीसीपी के अनुसार अगर इन लडकियों की बरामदगी में देरी होती तो इनके साथ कोई अनहोनी भी हो सकती थी। पुलिस ने अभिभावकों से अपील की कि वह अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें व उनके साथ पूरा तालमेल बनाए रखे ताकि कोई अनहोनी न घट सके।
– सुनीलराय कामरेड