कृषि विभाग ने मिशन ‘तंदरूस्त पंजाब’ के तहत शुक्रवार को जिला के रहीमपुर गांव में किसान जागरूकता शिविर के दौरान किसानों को गेहूं की रतुआ (रस्ट) बीमारी के लक्षणों के बारे में जागरूक किया। कृषि विकास अधिकारी डॉ. सुरजीत सिंह और उप परियोजना निदेशक कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (आत्मा) डॉ। विपुल चब्रा सहित विशेषज्ञों ने किसानों को पीली रस्ट के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पीला रतुआ एक ऐसी बीमारी है, जो फसल की पैदावार में कमी का कारण बनती है और रोग पत्तियों पर पीले रंग की खुरदरी रैखिक धारियों के रूप में दिखाई देता है।
उन्होंने किसानों से अपने गेहूं के खेतों की नियमित निगरानी करने के लिए कहा और गेहूं के पत्तों पर पीलापन आने के लक्षणों के मामले में, उन्हें अपनी गेहूं की फसल को 200 मिलीलीटर प्रति एकड़ प्रोपिकोनाजोल से छिड़काव करना चाहिए। उन्होंने बताया कि वर्तमान मौसम की स्थिति सहित तापमान, उच्च आर्द्रता और तेज हवाएं रतुआ रोग के लिए अनुकूल हैं। विशेषज्ञों ने किसानों को खेतों पर कड़ निगरानी रखने और यदि बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो बिना समय गवांये छिड़काव करने को कहा।