लुधियाना / मंडी गोबिंदगढ़ : आज से देश भर में लोहे पर लागू हुए 18 % GST पर स्थानीय रोलिंग मिल मालिकों द्वारा मिलने वाले 1.5 % कमिशन ट्रेडर्स को न देने के फैंसले के विरुद्ध स्टील ट्रैर्डस एसोसीएशन मंडी गोबिंदगढ़ के समुंह पद्दाधीकारीयों व मैंबरों ने सोमवार से अनिष्चीत कालीन हड़ताल का फैंसला किया है।
क्या है मामला
आज 1 जुलाई से देश भर में केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए गुडस एंड सर्विस टैक्स (जी.एस.टी.) की समीक्षा के लिए स्टील ट्रेडर्स एसोसीएशन मंडी गोबिंदगढ़ द्वारा स्थानीय जिमखाना कल्ब में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता स्टील ट्रेडर्स एसोसीएशन के अध्यक्ष विनोद कांसल ने की जबकि इस अवसर पर बैठक में स्टील ट्रेडर्स एसोसीएशन के लीगल एडवाईजर एडवोकेट जगमोहन डाटा, कोषाध्यक्ष राजीव सिंगला, उपाध्यक्ष सुखदेव मिड्डा, संजय मित्तल, अनिल ऐरन, विमल महावर, श्री निवास गोयल, विनोद गोयल, आजाद कौशल, दीनेश गुप्ता, दीपक मलहोत्रा, अशोक बत्ता, अरुण महावर, सतीश महावर आदि समेत दजर्नों ट्रैर्डस शामिल हुए। इस अवसर पर जी.एस.टी. पर चर्चा करते हुए विनोद कांसल व राजीव सिंगला ने बताया कि मिल मालिकों ने लोहे की खरीद पर लगने वाले 18 फीसदी जी.एस.टी. पर 1.5 फीसदी कमिशन देने से साफ इंकार कर दिया है जबकि इससे पहले मिल मालिकों द्वारा लोहे पर लगने वाली 12.5 फीसदी सैंट्रल एकसाईज पर कमिशन दिया जाता था।
जिसका समुंह ट्रेडर्स ने विरोध करते हुए इसके लिए कड़े कदम उठाने का सुझाव एसोसीएशन को दिया जिसके लिए सभी ट्रेडर्स ने एसोसीएशन को सभी अधिकार देते हुए उनका साथ देने का दावा किया। उन्होने कहा कि मिलों में बनने वाला सारा लोहा करीब 90 फीसदी स्थानीय ट्रैडर अपनी पूंजी खर्च करके खरीदता है। उन्होने कहा कि इस प्रकार ट्रैडर लोहा ओद्योग के लिए रीड़ का काम करता है। यदी ट्रैडर को कोई आय ही नहीं होगी तो वह अपनी पूंजी लगा कर व्यपार क्यो करेगा।
उन्होने कहा कि माल सप्लाई से लेकर पैमैंट का भुगतान आने तक सारा रिस्क ट्रैडर उठाता है जबकि मिल मालिक को तो उसकी पूंजी मात्र एक-दो दिन के भीतर ही उसके ठिकाने पर पहुंचा दी जाती है। जिसके लिए उनका कमिशन (कैश डिस्काऊंट) हक बनता है जोकि उसकी आय का मुख्य स्रौत है। उन्होने मिल मालिकों पर आरोप लगाया कि जो भी कर ट्रैर्डर मिल मालिक को देता है मिल मालिक उसे सरकारी खजाने में समय पर जमा नहीं करवाता। जिससे ट्रैर्डर को भारी परेशानीयों व विभाग की कार्रवाई का सामना करना पड़ता है।
क्या लिया ट्रैर्डस ने फैंसला
इस अवसर पर सभी ट्रैर्डस के विचार सुनने के बाद स्टील ट्रेडर्स एसोसीएशन के पद्दाधीकारीयों ने मैंबरों व एकत्रीत ट्रेडर्स की सहमती से मिल मालिकों से मांग की कि वह यदी 18फीसदी जी.एस.टी. पर उन्हें कमिशन नहीं देंगे तो वह अपनी सारी सप्लाई बंद करके मिलों से खरीददारी का बाईकाट करेंगे। उन्होने स्र्वसमिति से फैंसला लिया कि कोई भी ट्रैडर मिल मालिक को तब तक 18फीसदी जी.एस.टी. अदा नहीं करेगा जब तक वह अपनी रिर्टन फाईल करके जी.एस.टी. सरकारी खजाने में जमा नहीं करता। जिसके लिए स्टील ट्रैर्डस एसोसीएशन के पद्दाधीकारीयों ने मिलों से खरीद का बहिशकार करके सोमवार से अनिश्चीत काल के लिए हड़ताल पर जाने का फैंसला किया। इस मौके विनोद कांसल व मंच संचालक राजीव सिंगला ने सभी ट्रेडर्स से हड़ताल दौरान सभी ट्रैडर्स किसी भी मिल से कोई खरीददारी न करके की अपील की।
क्या कहते है आईसरा के राष्ट्राध्यक्ष व उपाध्यक्ष
इस मामले सबंधी जब आल इंडिया स्टील री-रोलिंग मिल एसोसीएशन (आईसरा) के राष्ट्राध्यक्ष विनोद वश्ष्ठि एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री हरमेश जैन से बात की गई तो उन्होने कहा कि जी.एस.टी. पर कमिश्र न देने का स्र्वप्रथम फैंसला पंजाब में बाहरी राज्यों से आने वाले इंगट, बिल्ट व अन्य राय मटीरियल की ट्रैडिंग करने वाले ट्रैर्डस ने करीब एक सप्ताह पहले लिया था। उन्होने तो इसे केवल फालो किया है। उन्होने कहा कि जब उन्हें ही राय मटीरियल के ट्रैर्डस द्वारा कमिश्र नहीं दिया जाएगा तो वह अपने खरीददारों (ट्रैर्डस) को कमिश्र कैसे दे सकते है। उन्होने कहा कि इसी के बाद स्थानीय इंडकशन इंडस्ट्री ने भी बाहरी राज्यों से आने वाले माल की ट्रैडिंग के आधार पर ही जी.एस.टी. पर कमिश्र न देने का फैंसला लिया है। उन्होने खुलासा किया कि जब उन्हें जी.एस.टी. पर कमिश्र न मिलने के फैंसले के सबंध में जानकारी मिली तो आल इंडिया स्टील री-रोलिंग मिल एसोसीएशन (आईसरा) ने भी एक बैठक करके स्र्वसमिति से जी.एस.टी. पर कमिश्र न देने का फैंसला 22 जून को हुई बैठक में ले लिया गया था।
– सुनीलराय कामरेड