लुधियाना : पंजाब में प्रतिदिन चिट्टे के नशे से युवाओं की मौत का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा। सीमावर्ती जिले हरिके पतन के गांव बुर हवेलियां के एक नौजवान आज नशे की भेंट चढ़ गया तो लुधियाना में नशे की ओवरडोज से एक भाई की मौत, दूसरा भाई गंभीर अवस्था में अस्पताल में दाखिल होकर जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है। जबकि लुधियाना के ही फील्डगंज इलाके में रहने वाले युवक संदीप वर्मा उर्फ सागर उर्फ भोलू ने शाम को संदिग्ध परिस्थितियों में फंदा लगा आत्महत्या कर ली थी, लेकिन परिजनों ने खुलासा किया है कि संदीप चिंट्टे के नशे का आदि था और वह चाहकर भी नशे की लत को छोड़ नहीं पा रहा था।
हालांकि वह अपनी बेटी और बीवी से बंइंतहा मोहब्बत करता था किंतु नशे के कारण उसने फंदा लगाकर खुदकशी कर ली। पुलिस ने मामले में कोई भी कार्रवाई न करते हुए शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों के हवाले कर दिया है। मृतक संदीप के ताया श्याम नगर निवासी सुरजीत वर्मा ने बताया कि संदीप फोटोग्राफर था। करीब डेढ़ साल पहले उसे चिंट्टे की लत लग गई थी। संदीप सुबह ही चिट्टा ले आता था और दुकान के ऊपर बने घर में में चला जाता था। सुरजीत वर्मा ने बताया कि परिवार वाले काफी समय से उसे नशा करने को लेकर रोकते थे, लेकिन संदीप के शरीर में चिट्टे ने घर बना लिया था। इसी परेशानी के चलते संदीप ने तंग आकर घर के कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
जानकारी के मुताबिक संदीप के मौत के बाद पूरे परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। संदीप के घर में उसकी मां, पत्नी और 11 वर्षीय बेटी है। पत्नी छह महीने की गर्भवती है। जैसे ही संदीप का शव घर पहुंचा तो उसकी मां और पत्नी रो-रोकर बेसुध हो गई। अपने पिता के सफेद कफन में लिपटे शव को देखते ही बेटी भूमिका रोने लगी और हर आने-जाने वाले शख्स को अपने पिता को बार-बार उठाने के लिए कह रही थी। ताया सुरजीत वर्मा ने कहा कि नशा तस्करी करने वालों के खिलाफ पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संदीप से नशा नहीं छूट रहा था, जिससे परेशान होकर उसने आत्महत्या कर ली।
लोक इंसाफ पार्टी (लिप) के विधानसभा सेंट्रल के इंचार्ज विपन सूद काका ने कहा कि संदीप वर्मा को वह काफी सालों से जानते थे। वह शुरू से ही मेहनती था और पूरे परिवार का पालन-पोषण करता था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चुनाव से पहले वादा किया था कि चार सप्ताह में नशा खत्म कर दिया जाएगा, लेकिन सरकार नाकाम साबित हो रही है।
उधर सीमावर्ती जिले हरिके पतन के गांव बुर हवेलियां में भी एक भी नौजवान नशे की भेंट चढ़ गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक 28 वर्षीय अमनदीप सिंह, पुत्र जसवंत सिंह, नशा करने का आदी था। आज दोपहर 1 बजे के करीब उसने अपने खेतों में जाकर पानी वाली मोटर के कमरे में नशे का टीका लगा लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। मृतक नौजवान मां-बाप का इकलौता पुत्र था। मृतक का 3 साल का एक बच्चा है जबकि मृतक के माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है।
इधर लुधियाना में गांव लोहारा में दो सगे भाइयों को नशे की आदत बेहद महँगी पड़ गई और नशे की ओवरडोज़ के चलते एक भाई की तो इलाज के दौरान ही मौत हो गई जबकि दूसरे भाई की हालात अस्पताल में गंभीर बनी हुई है। यह दोनों भाई बेहद गरीब परिवार से संबंध रखते है और पेशे से दिहाड़ीदार मजदूर है। करीब 25 वर्षीय मृतक का नाम जसवीर सिंह है जबकि जग्गा नामक युवक की उम्र करीब 30 साल है और उसकी एक बेटी भी बताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक यह दोनों युवक करीब पिछले तीन साल से नशा ले रहे थे।
उधर मृतक युवक का पीडि़त परिवार नौजवान युवक की मौत के बाद बेहद सदमें में है। मृतक की मौसी बलविंदर कौर ने मांग की है कि उन लोगों के खिलाफ सखत से सखत कार्रवाई की जाए जो इस प्रकार का नशा आम लोगों तक पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि पहले पंजाब की पूर्व सरकार का ही एक मंत्री नशे के कारोबार में लिप्त बताया जा रहा था और अब कैप्टन अमरिंदर सिंह की मौजूदा सरकार भी कोई कड़े कदम नहीं उठा रही है। पंजाब में रोजाना नशे के कारण युवा मर रहे हैं और तुरंत सरकार को चाहिए कि किसी भी तरह पंजाब में नशा खत्म किया जाए ताकि उनके नौजवानों की मौतें उन्हें ना देखनी पड़े।
– सुनीलराय कामरेड