लुधियाना : अनुभवी फोटो पत्रकारों द्वारा अकसर कहा जाता है कि खबर के मुताबिक स्टीक फोटो खींचने के लिए कैमरों का महंगा और खूबसूरत होना कोई मायने नहीं , बल्कि क्लीक करने वाले का दिल-दिमाग का दयालु होना लाजिम है। मन मुताबिक फोटो शाट करते समय सब्र के साथ-साथ लंबा वक्त इंतजार करना पड़ता है। ऐसी ही हकीकत को बयां किया आज लुधियाना के विभिन्न भाषाई अखबारों में काम करने वाले 24 फोटो जर्नलिस्टों के समूह ने। जिन्होंने पिछले वर्ष अपनी विभिन्नताओं के बीच मतभेदों को भुलाकर, एकजुटता का परिचय दिया था। उसी क्रम में आज विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर लुधियाना फोटोजर्निलिस्ट एसोसिएशन द्वारा दो दिवसीय फोटो प्रदर्शनी की शुरूआत डा महिन्द्र सिंह रंधावा आर्ट गैलरी, पंजाबी भवन में की।
प्रदर्शनी का उद्धघाटन मुख्य अतिथि पंजाब सरकार के फूड एंड सिविल सप्लाईज मंत्री भारत भूषण आशू, गेस्ट आफ आनर्स के रुप में आमंत्रित सांसद रवनीत बिट्टू, लुधियाना नगर निगम के मेयर बलकार सिंह संधू समेत सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमेन डा एसपी सिंह ओबराय की उपस्थिति में किया। चुनिंदा फोटो जर्नलिस्टों की इस प्रदर्शनी में लुधियानवियों के हाव-भाव और जीने के स्टाइल के बीच कुदरती नजारों और 24सौ घंटों के दौरान घटित होने वाली खबरों की फोटोग्राफरी से हटकर एक अनोखा प्रयास सराहनीय है। उपस्थित हर शख्स ने उन 48 प्रदर्शित चित्रों को देखा व फोटोजर्निलिस्ट के काम को सराहा। प्रदर्शनी का थीम ‘वन थाउजंड्स वर्ड्स’ है। एसोसियेशन के अध्यक्ष गुरमीत सिंह ने मेहमानों का स्वागत किया।
इस अवसर पर बोलते हुए पंजाब सरकार के फूड एंड सिविल सप्लाईज मंत्री भारत भूषण आशू ने फोटो पत्रकारों की सराहना करते हुए कहा कि अखबार का पूरा पन्ना छपा हो किंतु उसपर लगी एक फोटो बहुत कुछ हकीकत में बयां करती है। उन्होंने आगे फोटो पत्रकारों को हर प्रकार के सहयोग का वायदा भी किया। श्री आशु व मेयर संधू ने लुधियाना फोटोजर्निलस्ट एसोसिएशन को एक ऑफिस व आर्ट गैलरी के लिए स्थान उपलब्ध करने का आश्वाशन भी दिया। पंजाब कला परिषद् के चैयरमेन पदमश्री सुरजीत पातर ने फोटो पत्रकारों के काम को सराहा और कहा कि जो घटित होता है उसको फोटो पत्रकार अपने खींचे चित्रों से जनता को अवगत कराते हैं और हर तरह कि परिस्थितिओं में इनको काम करते रहना पड़ता है। इस अवसर पर वरिष्ठ फोटो पत्रकार हरिन्दर सिंह काका को सांसद रवनीत बिट्टू व मंत्री भारत भूषण आशु ने सन्मानित किया व लम्बे अरसे से किये उनके काम को सराहा।
(सुनीलराय कामरेड)