अफगानिस्तान 'सत्ता परिवर्तन' के बाद भुखमरी के संकट से जूझ रहा है। संकट की घड़ी में भारत द्वारा अफगानिस्तान को दी जा रही मदद ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। इसी क्रम में संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (UN World Food Program) के एक प्रतिनिधिमंडल ने भारत का दौरा किया।
प्रतिनिधिमंडल के इस दौरे का मकसद यह समझना है कि आखिर भारत कैसे इतने अच्छे तरीके से अफगानिस्तान के लिए गेहूं की खरीद करने के साथ-साथ उसकी टेस्टिंग और ट्रांसपोर्टेशन को अंजाम दे रहा है। UN के विश्व खाद्य कार्यक्रम प्रतिनिधिमंडल ने पूरी प्रक्रिया को समझने के लिए पंजाब के अमृतसर का दौरा किया।
डब्ल्यूएफपी में हानि निवारण अधिकारी डॉ स्टेफनी हर्ड ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल भारत में गेहूं खरीद की प्रक्रिया से रूबरू होने के लिए आया है। भारत ने अभी तक अफगानिस्तान में 10,000 मीट्रिक टन गेहूं पहुंचाया है और इसका लक्ष्य 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजने का है।
अफगानिस्तान को गेहूं भेजना भारत का बहुत दयालु कदम
UN वर्ल्ड फूड प्रोग्राम में कमोडिटी स्पेशलिस्ट सैंड्रो बानाओ ने कहा, "हम यहां अफगानिस्तान के लोगों के लिए भारत सरकार द्वारा की गई पहल को देखने के लिए आए हैं।" उन्होंने मानवीय सहायता के साथ अफगानिस्तान की मदद करने के लिए भारत की प्रशंसा करते हुए कहा, "अफगानिस्तान को गेहूं भेजना भारत का बहुत दयालु कदम है"।
वैश्विक स्तर पर गेहूं की बढ़ती मांग का हवाला देते हुए, सैंड्रो बानाओ ने भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र WFP की दिलचस्पी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "साथ ही, हमारी रुचि वैश्विक स्तर पर गेहूं की बढ़ती आवश्यकता के कारण भारत सरकार के साथ अपनी साझेदारी को बढ़ाने में है।"