अमृतसर के वायु प्रदूषण में सुधार लाने हेतु विस्तृत योजना तैयार करने के लिए बुधवार को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की एक उच्च स्तरीय टीम ने शहर का दौरा किया।
यह टीम श्री दरबार साहब भी गई और शहर के अंदरूनी हिस्सों का भी निरीक्षण किया। साथ ही टीम शामिल सदस्यों ने पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के वरिष्ठ आधिकारियों और जिला प्रशासन के साथ योजना तैयार करने के लिए विचार -विमर्श किया।
संरा टीम के सदस्य त्र्याफांग जाओ ने बताया कि संरा भारत में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को लेकर चिंतित है और इसके पहले पड़व में देश के तीन शहरों अमृतसर, वाराणसी और गुरुग्राम को वायु प्रदूषण में सुधार करने के लिए चयन किया गया है।
उन्होंने बताया कि आज टीम की तरफ से इस कार्यक्रम की शुरुआत अमृतसर के दौरे से गई है। उन्होंने कहा कि शहर में हवा की गुणवत्ता के सुधार के लिए ट्रैफ़कि सुधार बड़ जरूरत हैं और इसके लिए हम हर प्रकार का सहयोग देंगे।
उन्होंने फसलों की अवशेष जलाने और उद्योगों से निकलने वाले धुएँ को भी प्रदूषण के लिए जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि हमें यह जान कर बहुत हैरानी हुई है कि शहर में हर रोज सवा लाख से अधिक सैलानी आ रहे हैं, जिसको ध्यान में रखते हुए योजना बनाने की जरुरत है। उन्होंने शहर की ट्रैफ़कि के सुधार के लिए सार्वजनिक परिवहन सेवा जैसे मेट्रो आदि को विकसित करने की जरुरत पर जोर दिया।
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव कुरनेश गर्ग ने पंजाब सरकार की ओर से प्रदूषण को रोकनो के लिए तैयार की गई योजना की जानकारी टीम सदस्यों को दी और बताया कि साल 2017 की तुलना में 2018 में अमृतसर की हवा गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला है, जो अच्छा संकेत है। उन्होंने पंजाब सरकार की तरफ से चलाए जा रहे मिशन तंदरूस्त पंजाब अधीन किये जा रहे कामों का विवरण भी संयुक्त राष्ट्र की टीम के साथ सांझा किया।
जिला उपायुक्त शिवदुलार सिंह ढिल्लों ने बताया कि अमृतसर विरासती शहर के साथ-साथ लजीत्र खाने के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि अमृतसर में पयर्टन उद्योग को बढ़वा मिला है परन्तु शहर के साधनों पर बोझ बढ़ गया है।