पंजाब में तीन नगर निगमों तथा 29 नगरपालिका परिषदों तथा नगर पंचायतों के चुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच कल सुबह 8 बजे मतदान शुरू होगा। पंजाब चुनाव आयोग के अनुसार मतदान की तैयारियां मुकम्मल कर ली गई हैं। तीनों निगमों के लिये 1335 उम्मीदवार तथा नगर परिषदों तथा नगर पंचायतों के लिए 1696 प्रत्याशी मैदान में हैं। अभी तक 90 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित कर लिए गये हैं।
कड़ी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच शाम 4 बजे तक वोट डाले जायेंगे। वोटों की गिनती मतदान के बाद शाम को शुरू हो जायेगी और परिणाम कल ही आ जायेंगे। मतदान निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए पूरे प्रबंध कर लिए हैं और अति संवेदनशील मतदान केन्द्रों की वीडियोग्राफी के आदेश दिये गये हैं।
कांग्रेस विधानसभा चुनाव, इसके बाद गुरदासपुर लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद अब निकाय चुनाव को गंभीरता से ले रही है तथा तीनों नगर निगमों पर अपना कब्जा जमाने तथा नगर परिषदों तथा नगर पंचायतों पर काबिज होना चाहती है। इसीलिए तीनों निगमों का चुनाव प्रभार कांग्रेस के मंत्री संभाल रहे हैं।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने निकाय चुनावों में पार्टी का विजन डाक्यूमेंट अमृतसर में जारी करने के बाद चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया। पार्टी के मंत्रियों से लेकर विधायकों और वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जोर-शोर से प्रचार किया। प्रचार अभियान थमने के बाद अंतिम क्षणों तक कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती तथा घर-घर जाकर मतदाताओं को लुभाने में जुटी है। अकाली दल तथा भारतीय जनता पार्टी भी इन चुनावों में उतरी है लेकिन उसमें वो जोश तथा उत्साह गायब है।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने चुनाव प्रचार करने से इसलिये मना कर दिया कि कांग्रेस इन चुनावों में धक्केशाही कर रही है। चुनाव की कमान अकाली दल अघ्यक्ष सुखबीर बादल तथा अन्य पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेताओं संभाल रहे हैं। भाजपा के अघ्यक्ष विजय सांपला तथा कई भाजपा के नेता और कार्यकर्ता प्रचार में जुटे रहे। सांपला और बादल ने चुनाव आयोग को कांग्रेस की धक्केशाही से लेकर उनके उम्मीदवारों को नामांकन नहीं भरने देने और अफसरों की ओर से उन्हें एनओसी न देने की शिकायतें दी गईं।
सांपला ने आज पत्रकारों से कहा कि उनके प्रत्याशियों को पर्चे नहीं भरने दिये और एनओसी देने में आनाकानी की गई।ऐसे में इन चुनावों को कोई मतलब नहीं। ये सरकार नौ माह में लोगों से किये चुनावी वादे पूरे नहीं कर सकी और किसानों का कर्ज तक माफ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि वह ऐसे हालात में अपने कार्यकर्ताओं के बुलंद हौंसलों की दाद देते हैं जो विपरीत माहौल में चुनाव लड़ने के लिये जी जान से जुटे हैं। आम आदमी पार्टी भी चुनाव मैदान में जुटी है।
उसने अमृतसर नगर निगम के चुनाव में सीपीआई तथा बहुजन समाज पार्टी के साथ समझौता किया है और चुनाव प्रचार की कमान स्थानीय नेताओं के हाथ में है। हालांकि आप ने भी कांग्रेस पर धक्केशाही के आरोप लगाये हैं। कुछ स्थानों पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं तथा अकाली दल -भाजपा और आप के बीच झड़पें हुई।
इस चुनाव में मुद्दे नदारद रहे और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप के बीच प्रचार समाप्त हो गया। कांग्रेस पर वादाखिलाफी करने तथा केंद्र की भाजपा सरकार पर पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार करने और पिछली अकाली सरकार पर सरकारी खजाने को लूटने तथा विकास कार्य न करने का आरेप लगाया गया। बागियों ने विभिन्न पार्टियों के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ मोर्चा खोला।
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