शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने बृहस्पतिवार को पंजाब सरकार से सवाल किया कि वह ‘फतेह’ किट की खरीद मामले में जांच का आदेश क्यों नहीं दे रही है। इसके साथ ही पार्टी ने आरोप लगाया कि जिस कंपनी ने किट की आपूर्ति की, उसके पास वैध लाइसेंस नहीं था और वह एक कोल्ड स्टोर से संचालित कर रही थी।
कोविड मरीजों को दी जाने वाली मेडिकल किट में ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, मास्क, स्टीमर, सैनिटाइजर, विटामिन सी और जिंक की गोलियां तथा कुछ अन्य दवाइयां दी जाती हैं।
शिअद सांसद बलविंदर सिंह भुंडर ने एक बयान में आरोप लगाया कि पंजाब सरकार को 26 करोड़ रुपये की किट की आपूर्ति करने वाली कंपनी के बारे में हालिया खुलासे से संकेत मिलता है कि पूरा अभियान ‘फर्जीवाड़ा’ था।
उन्होंने आरोप लगाया , “… मूल निविदा एक कंपनी को छह महीने की वैधता के साथ 837 रुपये प्रति किट की दर पर दी गयी थी, लेकिन निविदा दो बार फिर से जारी की की गयी और दोनों बार दूसरी कंपनी को 1,226 रुपये और 1,338 रुपये प्रति किट की बढ़ी हुई कीमतों पर दी गयी।
उन्होंने आरोप लगाया कि मेडिकल किट की आपूर्ति के लिए कंपनी के पास वैध लाइसेंस नहीं है। उन्होंने कहा कि केवल स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच से ही इस घोटाले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
शिअद, आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी जैसे विपक्षी दल मेडिकल किट की खरीद में कथित गड़बड़ी को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साध रहे हैं। आप ने पंजाब के लोकपाल को पत्र लिखकर इस मामले की जांच कराने की मांग की है।