लुधियाना-संगरूर : आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रधान और संसद मैंबर भगवंत मान ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा अपने 6 विधायकों को मंत्री के रुतबे के साथ निवाजे जाने पर सख्त ऐतराज करते हुए इसको संविधान की सीधी उल्लंघन और खजाने की फजूल की लूट बताया है।
भगवंत मान ने कहा कि बेरोजगार नौजवान रोजगार के लिए टैंकियों पर चढ़े हुए हैं। आंगणवाड़ी केन्द्रों में दलितों-गरीबों के बच्चों को 2 महीने से दलिया-रोटी नसीब नहीं हो रही, बुजुर्ग, विधवाएं और अपंग 2500 रुपए पैंशन और योग्य नौजवान रोजगार भत्ते को तरस रहे हैं। मनरेगा मजदूरों को लम्बे समय से दिहाड़ी नहीं दी जा रही। गरीब लोग पक्के घरों के लिए अजिऱ्यां लिए भटक रहे हैं। खेती और किसानी कर्जों का संकट ओर गहरा हो रहा है। ऐसे हालत में सरकार के पास एक ही जवाब रहता है कि खजाना खाली है। वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल अपने दफ्तर में चाय पिलाने को भी वित्तीय बोझ बताते है।
मान ने कहा कि हर समय बुरे हालत की दुहाई देने वाली कैप्टन सरकार रेवडियों की तरह कैबिनेट रैंक कैसे बांट सकती हैं?
भगवंत मान ने कैप्टन पर तंज कसते कहा कि सलाहकारों की जरूरत उनको होती है, जिनके पास हद से अधिक काम होता है, परंतु कैप्टन अमरिन्दर सिंह पंजाब के इतिहास के सब से निठल्ले मुख्य मंत्री हैं। निठल्ले मुख्य मंत्री ने इतने सलाहकार क्या करने हैं?
भगवंत मान ने कहा कि राज्य के वित्तीय हालत मुताबिक फजूल खर्ची घटाने के संकेतक संदेश देने चाहिए थे, परंतु कैप्टन अमरिन्दर सिंह ‘शाही अंदाज’ में सरकार चलाने में बादलों से भी दो कदम आगे हैं। लोग 5 मरलेे के प्लाट लेने को तरस रहे हैं, कैप्टन ने सुखबीर बादल के सात तारा होटल सुख विलास के बराबर सारागढ़ी महल बना लिया। कर्ज माफी का वायदा किसानों के साथ किया था। 84 लाख की माफी रजिन्दर कौर भ_ल को दे दी। इसी तरह घर-घर नौकरी का वायदा पंजाब के योग्य नौजवानों के साथ किया था, नौकरी बेअंत सिंह के ओवरएज पोते को ही दे दी।
भगवंत मान ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह को कहा कि वह पहले ही जरूरत से ज़्यादा सलाहकारों और ओएसडीज़ की फौज लिए बैठे मुख्य मंत्री को इनके कैबिनेट रंैक वापस लेने चाहिए। मान ने इन विधायकों को भी सलाह दी कि वह जमीर की आवाज पर यह पद न संभालें ऐसा करने पर अदालतें यह पद कानूनी डंडे के साथ छीन भी सकती हैं, क्योंकि कैप्टन सरकार का यह कदम संविधान और कानून के विरुद्ध है।
– सुनीलराय कामरेड