लुधियाना-अमृतसर : ‘वाहे गुरू जी की फतेह’ और ‘सतश्री अकाल’ की जयघोष करते हुए पदमश्री से विभूषित वंदना लूथरा ने सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेकने उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते कहा कि वाहेगुरू के दरबार में आकर उन्हें अपार शांति की अनुभूति होती है।
यहां आना उनके लिए गौरवशाली अनुभव है। वंदना लूथरा अपने चुनिंदा साथियों के साथ सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेकने हेतु आई हुई थी। उन्होंने सिख कौम की सेवा और वंड छकने के सिद्धांतों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस मुकददस स्थल पर बिना किसी भेदभाव और ऊंच-नीच के अंतर को भुलाकर गुरू घर का आर्शीवाद प्राप्त होता है।
दरबार साहिब में माथा टेकने के दौरान उन्होंने सरबत के भले के लिए अरदास की।
इससे पहले उन्होंने श्री हरिमंदिर साहिब में रूमाला साहिब भेंट करने के साथ गुरू घर के लिए अपनी तरफ से गुप्त राशि भेंट की। परिक्रमा करने के दौरान शिरोमणि कमेटी के प्रबंधक और सेवादारों ने उन्हें श्री हरिमंदिर साहिब के इतिहासिक महत्व और सिख धर्म में लंगर प्रथा की महत्वता के बारे में जानकारी दी।
बाद में सूचना केंद्र में उन्हें शिरोमणि कमेटी द्वारा सिरौपा और धार्मिक पुस्तकों सहित तस्वीरें भेंट करके सम्मानित किया गया। वंदना लूथरा ने हाल ही में डेढ़ दशक से अधिक समय की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद भारतीय सेना में महिलाओं को स्थाई कमीशन और पुरूषों की तरह ही कमान पोस्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते कहा कि उन्हें अपार खुशी है कि देश की महिलाएं अब और अधिक आगे बढक़र देश की रक्षा कर सकेंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि महिलाएं चौका-चुल्हा और झाड़ू पोछा त्याग चुकी है और देश के हर क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए अपने हुनर और ताकत का प्रदर्शन कर रही है। आज की महिलाएं पुरूषों के बराबर ही नहीं बल्कि उनसे कई कदम आगे है। वंदना लूथरा अमृतसर में रंजीत ऐवन्यू स्थित वीएलसीसी के नए सेंटर का शुभारंभ करने आई हुई थी। उन्होंने कहा कि वीएलसीसी एशिया में ही नहीं बल्कि ब्यूटी और फिटनेस के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल कर चुकी है।
– रीना अरोड़ा