पंजाब में दशहरे के दिन हुई भीषण रेल दुर्घटना के बाद पटरियों पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने के दौरान उन्होंने सुरक्षा बलों पर रविवार को पथराव किया जिसमें पुलिस का एक कमांडो और एक फोटो पत्रकार घायल हो गए।
रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि पटरियों को बाधित कर रहे प्रदर्शनकारियों को दोपहर को वहां से हटाया गया और 40 घंटे बाद रेल सेवा बहाल की गई।
शुक्रवार की शाम रावण दहन देखने के लिए कम से कम 300 लोग रेल की पटरी पर इक्ट्ठा हो गए थे । तभी तेज रफ्तार रेलगाड़ी लोगों को रौंदते हुए निकल गई। इस घटना में 59 लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए।
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उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया कि , “पहली मालगाड़ी दोपहर दो बजकर 16 मिनट पर मनावला से अमृतसर रवाना हुई।’’ इस बीच कांग्रेस ने अमृतसर रेल दुर्घटना की जांच नहीं कराने के रेलवे के निर्णय पर रविवार को प्रश्न उठाया।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी की पहली चिंता घायलों और अपनों को खोने वालों को राहत तथा उनका पुनर्वास है। रेलवे द्वारा इस घटना की जांच को खारिज करना ‘निर्दयता’ है। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने घटना की किसी तरह की जांच कराने से शनिवार को इनकार किया।
उन्होंने कहा, ‘‘वहां एक मोड़ था। चालक उसे देख नहीं पाया होगा।हम किस बात की जांच के आदेश दें? ट्रेन गति से ही चलती है।’’ रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी ने कहा, ‘‘आज हम स्पष्ट बात कर रहे हैं। अगर भारतीय रेलवे की गलती नहीं है, अगर हमारे स्टाफ ने कुछ गलत नहीं किया तो उन्हें क्यों लटकाया जाए। अगर संगठन को फलने फूलने देना है तो हमें स्थिति का सामना करना होगा।’’
इससे पहले दिन में पंजाब पुलिस ने धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों को पटरी पर से हटाया। पटरी से हटाए जाने के दौरान गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिससे सुरक्षाकर्मियों के साथ उनकी झड़पें हुईं।
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पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पथराव में पंजाब पुलिस का एक कमांडो और एक फोटो पत्रकार घायल हो गये। प्रदर्शनकारी राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्घू के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
अधिकारियों ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पंजाब पुलिस ने कमांडो समेत अपने अन्य कर्मी तैनात किए हैं। जोड़ा फाटक इलाके में त्वरित कार्य बल (आरएएफ) के जवान भी मौजूद रहे। इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को अमृतसर प्रशासन को ट्रेन दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों का विस्तृत सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल तैयार करने का निर्देश दिया
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री ने शनिवार को अस्पताल में इस हादसे के प्रभावित लोगों से मुलाकात की थी। वह खासकर उन दो महिलाओं की व्यथा से भावुक हो गए जिनके बच्चे और पति समेत पूरा परिवार समाप्त हो गया। एक मामले में तो एक महिला की ससुराल के दूसरे लोग भी मारे गये।
अमृतसर प्रशासन ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों का सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल तैयार करे : अमरिंदर सिंह
लोगों की पीड़ा से व्यथित सिंह ने मुख्य सचिव सुरेश कुमार से कहा कि सरकार को पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने से आगे बढ़कर और भी कुछ करने की जरुरत है, खासकर ऐसे मामलों में जहां प्रभावित लोग बहुत गरीब हैं।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि इन लोगों के परिवारों को राशन, कपड़े, दवाइयां आदि प्रदान की जाएं क्योंकि उनमें ज्यादातर समाज में आर्थिक रुप से कमजोर तबके के थे। सिंह ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा की अगुवाई वाले आपदा प्रबंधन मंत्रिसमूह के साथ राहत एवं पुनर्वास कार्य की समीक्षा की और उसे मुआवजे के शीघ्र भुगतान के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि इस हादसे में घायल हुए लोगों और जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रभावी पुनर्वास के लिए सभी जरुरी कदम उठाये जाने चाहिए। शुक्रवार को इस त्रासदी के तत्काल बाद राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन समूह बनाया था।