लुधियाना- बरनाला : भारत साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष माध्व कौशिक द्वारा सिक्कम की राजधानी गंगटोक में 23 भारतीय भाषाओं के लेखकों को राष्ट्र स्तरीय बाल साहित्य पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है। जिनमें बरनाला के युवा लेखक तरसेम को उनके द्वारा लिखित पुस्तक टाहली वाली गली नामक पुस्तक पर पुरस्कार मिला है।
इस पुस्तक में वातावर्ण व वृक्षों को बचाने से संबंधित एक बच्चे की कहानी है। यह पुस्तक 64 पेज की है, जिसमें रंगीन चित्र में शामिल हैं। इस पुस्तक की प्रकाशना लोक गीत प्रकाशन चंडीगढ़ ने पहला एडीशन और पब्लिकेशन मानसा ने दूसरा एडीशन उड़ान प्रकाशित किया। गौर हो कि लेखक तरसेम को यह तीसरा राष्ट्रीय अवार्ड मिला है। अवार्ड सहित बरनाला पहुंचने पर लेखकों व साहित्यकारों ने तरसेम का भव्य अभिनंदन किया।
15 वर्ष की उम्र में बने लेखक :
बाल पुरस्कार से सम्मानित युवा लेखक तरसेम दो भाषाओं अंग्रेजी व हिंदी में स्नात्कोत्तर तथा बीएड पास हैं। सरकारी सीनीयर सैंकेंडरी स्कूल खुड्डीकलां में हिंदी अध्यापक हैं।
उल्लेखनीय है कि तरसेम ने 15 साल की उम्र में लिखना शुरु कर दिया था। जिसके बाद से अब तक उसने पंजाबी में तीन काव्य संग्रह, 12 बाल साहित्य और हिंदी में 7 बाल साहित्य लिखे हैं। इसके अलावा तरसेम पंजाबी भाषा में 19 पुस्तकों का पंजाबी में और 8 पुस्तकों का पंजाबी से हिंदी में अनुवाद, 6 पुस्तकों का संपादन, सात लेखकों और पांच नावलकारों से की मुलाकातों पर दो पुस्तकें प्रकाशित कर चुके हैं।
* प्रकाशित काव्य संग्रहों में खुल्ली अक्ख दा सुपना, कमरियां तों बाहर बैठा घर, आवाजां गु तगू च और माया शामिल हैं। इसके अलावा तरसेम ने महांकवि संतोख सिंह के जीवन पर वर्ष 2007 के दौरान रचना लिखी है जिसे हरियाणा साहित्य अकादमी पंचकुला द्वारा प्रकाशित किया गया।
* प्रकाशित बाल साहित्य पुस्तकों में पंजाबी भाषायी रानी मच्छी, तीन रुपए, राजे दीयां बेटियां, लक्कड़ दा गुटका, जंगल दी रानी, गुलाब दा आड़ी, टाहली वाली गल्ल, रंग बिरंगी तितली, चेतन, पंछी साडे आड़ी, कदे ना बुझण वाला दीवा और हरी किश्ती शामिल हैं। जबकि हिंदी भाषायी बाल संग्रह में हरी कश्ती, गुलाब का दोस्त, काली चिड़ीया, रिंकू की बुद्धिमता, साइकिल दोस्त, तीन दोस्त शामिल हैं।
– सुनीलराय कामरेड