लुधियाना- मोगा : दिल्ली की तिहाड़ जेल में लंबे समय से नजरबंद बब्बर खालसा इंटरनेशनल के कुख्यात आतंकी जगतार सिंह हवारा को मोगा के जिला सेशन जज तरसेम मंगला की अदालत ने 16 फरवरी 2005 को बंदनी कलां में पंजाब पुलिस के हवलदार पर जानलेवा हमला करने के केस में आरोप मुक्त कर दिया है।
स्मरण रहे कि 13 साल पहले लोपो पुलिस चौकी में तैनात कांसटेबल जसबीर सिंह को गोली मारकर जख्मी करने के मामले में अदालत ने हवारा को बड़ी राहत दी है, हालांकि सेशन जज जगदीप सूद ने 30 मई 2018 को आदेश जारी करते हुए पंजाब पुलिस को 12 जुलाई 2018 के दिन भाई जगतार सिंह हवारा को अदालत ने निजी तौर पर पेश करने का हुकम सुनाया था परंतु उस दिन पेशी के अवसर पर पंजाब पुलिस ने सुरक्षा कारणों का बहाना बनाकर भाई जगतार सिंह हवारा को पेश करने पर आनाकानी की थी और उसी दिन जज साहिब ने यह मामला सेशन जज साहिब को भेज दिया था।
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भाई जगतार सिंह हवारा के वकील जसपाल सिंह मझपुर ने बातचीत पर बताया कि इस मामले का कोई कानूनी आधार ही नहीं था और जिसे अदालत ने हमारी दलीलों को मानते हुए खारिज किया है। जबकि 16 फरवरी 2005 को हवारा के साथ इसी मामले में 3 अन्य साथी जोगा सिंह, समीर सिंह और अमरीक सिंह भी नामजद थे, जिन्हें 19 फरवरी 2010 को सबूतों की कमी के चलते बरी कर दिया गया था।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जगतार सिंह हवारा की वीडियो काफ्रेंसिग के जरिए जज तरसेम मंगला की अदालत में पेशी थी। इस दौरान अदालत ने सबूतों व गवाहों के आधार पर केस को फाइल करने के आदेश जारी करते हुए हवारा को आरोप मुक्त कर दिया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जगतार सिंह हवारा समेत उसके साथी जोगा सिंह, समीर सिंह और अमरीक सिंह के खिलाफ गांव लोपों में हवलदार पर गोली चलाने के आरोप में केस दर्ज किया था। उक्त मामले में अदालत द्वारा 19 जनवरी 2010 को हवाले के अलावा तीनों आरोपियों को सबूतों व गवाहों के आभाव में बरी किया जा चुका है। जबकि आज जज तरसेम मंगला की अदालत ने जगतार ङ्क्षसह हवारा को उक्त मामले में आरोप मुक्त करने का फैसला सुना दिया।
उल्लेखनीय है कि 2015 में चब्बे स्थित पंजाब की धरती पर हुए सरबत खालसा में पहुंची लाखों की संख्या में सिख संगत ने भाई जगतार सिंह हवारा को सिख पंथ का अंथक पथ प्रहरी मानते हुए श्री अकाल तख्त साहिब का जत्थेदार नियुक्त किया है और जगतार ङ्क्षसह हवारा तिहाड़ जेल की सखींचों के पीछे बंद होकर पंथक और अपनी बेगुनाही के आरोपों के खिलाफ संघर्ष कर रहे है। जगतार ङ्क्षसह हवारा पर दर्जनों केस होने के बावजूद वह अब तक अधिकांश केसों में बरी हो चुके है और पंजाब सरकार का प्रयास भी है कि जगतार ङ्क्षसह हवारा को पंजाब की जेल में लाया जाएं।
– सुनीलराय कामरेड