लुधियाना: 10 दिन पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सीबीआई की अदालत द्वारा पंचकूला में दोषी करार दिए जाने के वक्त एक योजनाबद्ध तरीके से भगा ले जाने की असफल कोशिश के उपरांत हुई गिरफतारियों के साथ यह बात पूरी तरह साफ हो गई थी कि पंजाब और हरियाणा पुलिस के कई अधिकारी और कर्मचारी डेरा सच्चा सौदा के साथ पूरी तरह जुड़े ही नहीं बल्कि वे ऊपरी एक इशारे पर कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार बर तैयार भी थे। यही बस नहीं था बल्कि वे बाबा की एक आवाज पर देश के खिलाफ बगावत तक कर देने से पीछे नहीं हटेंगे। सूत्रों का मानना है कि पंजाब पुलिस के कई कमांडो भी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के रंग में रंग चुके थे। पंजाब पुलिस के कमांडो सतबीर और रोहित जो गुरमीत की जैड प्लस सिक्योरिटी में तैनात थे और डेरे में होने वाली प्रत्येक गतिविधियों के बारे में उन्हें जानकारी थी।
इन कमांडो से तफतीश के दौरान जानकारी लेने वाले अधिकारियों का भी मानना है कि 25 अगस्त को पंचकूला और सिरसा में किस प्रकार की खूनी होली खेले जानी थी, इसकी पूरी जानकारी इन कामांडो को थी परंतु तफतीश के दौरान यह दोनों अपना मुंह नहीं खोल रहें। हालांकि पंचकूला पुलिस ने इन दोनों को पूछताछ के लिए सोमवार तक रिमांड पर लिया हुआ है। उधर इस बात का खुलासा भी खुफिया विभाग द्वारा गृह विभाग को भेजी अपनी रिपोर्ट में हुआ है। इस रिपोर्ट अनुसार कि डेरा बाबा समर्थक पुलिस कर्मचारी और अधिकारी आने वाले वक्त में सूबे की सुरक्षा तंत्र के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकते है इसलिए इन पर नजर रखना बेहद जरूरी है। इन रिपोर्टो को आधार बनाकर गृह विभाग ने पंजाब और हरियाणा के प्रमुखों को प्रेमी पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों की लिस्टें तैयार करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए है।
इन निर्देषों के साथ-साथ उनकी प्रत्येक गतिविधियों पर भी नजरें रखने की हिदायत दी है। अगर पंजाब और हरियाणा पुलिस हैड क्वार्टर सूत्रों की मानें तो दोनों राज्यों के डीजीपी ने गृह विभाग की इन सूचनाओं के आधार पर अपने-अपने राज्यों के जिला पुलिस प्रमुखों को अपने-अपने जिलों के अंदर उन पुलिस कर्मीयों की लिस्टें तैयार करने के लिए कहा है, जो पिछले वक्त के दौरान सीधे या प्रत्यक्ष तौर पर डेरे के साथ जुड़े हुए है। उल्लेखनीय है कि पंजाब के मानसा स्थित 4 पुलिस कर्मचारी पिछले लंबे समय से डेरा प्रमुख के अंगरक्षक के तौर पर तैनात थे और गुरमीत राम रहीम के सजायाफता घोषित होने के बाद ही पुलिस के नोटिस पर वह वापिस अपने जिलों के पुलिस मुख्यालय पर पहुंचे थे। सूत्रों के मुताबिक हालांकि पुलिस उनसे भी पूछताछ कर रही है क्योंकि वह केवल कागजी पत्र-व्यवहार पर ही डेरा मुखी की सुरक्षा में अटैच हुए थे।
– सुनीलराय कामरेड