लुधियाना : लुधियाना विधायक सिमरनजीत सिंह बेंस द्वारा चर्चित लुधियाना सिटी सेंटर घोटाले मामले में पार्टी बनाए जाने की मांग पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने आज पंजाब सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।
बेंस ने लुधियाना अदालत में अपील दाखिल करके कहा था कि इस घोटाले में जांच एजेंसी का समस्त कंट्रोल मुख्यमंत्री के पास है और एजेंसी ने मामला बंद करने के लिए कोलोजऱ रिपोर्ट दाखिल कर दी है। लिहाजा इस मामले की अन्य जांच करवाई जानी जरूरी है।
उन्होंने यह भी कहा था कि वह लोगों के चुने हुए प्रतिनिधि होने के कारण यह मामला उठाना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है और वह इसी कारण इस मामले में अदालत के सामने अन्य तथ्य रखना चाहते है। लिहाजा उनको पार्टी बनाए जाने की इजाजत दी जाएं। लुधियाना अदालत ने उनकी अपील खारिज कर दी थी।
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अपील खारिज होने के उपरांत बेंस ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और हाईकोर्ट ने बेंस के वकील को कहा था कि पहले यह साबित किया जाएं कि वह किसी अपराधिक मामले में बाहर का शख्स दखलंदाजी कर सकता है या नहीं। इसके बाद बेंस के वकील रूचि सेखड़ी ने अपने अधिकार में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया था। जिसकी जांच करने से आज पंजाब सरकार को नोटिस जारी करके हाईकोर्ट ने पूछा है कि बेंस को इस मामले में क्यों ना पार्टी बनाया जाएं।
स्मरण रहे कि 11 महीनों के बाद बेंस ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष दाखिल किया था। दरअसल बेंस इस मामले में अपना पक्ष पेश करने के लिए अदालत पहुंचे थे। हालांकि 19 अगस्त 2017 को मामले की जांच कर रहे विजिलेंस ब्यौरो ने सिटी सेंटर प्रोजेक्ट में घपले के होने से इंकार कर दिया था और मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह और उनके पुत्र रणइंद्र सिंह को क्लीन चिट दी गई थी और मामला बंद करने की रिपोर्ट भी दायर कर दी थी। विधायक बेंस ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार का मामला है और उन्होंने क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देने का पूरा अधिकार है। अब जस्टिस इंद्रजीत सिंह ने आने वाले साल की 23 जनवरी को बेंस की पाटीशन पर सुनवाई तय की है और सरकार ने इससे पहले अपना पक्ष साफ करना है।
– सुनीलराय कामरेड