लुधियाना-अमृतसर : तू डाल-डाल तो मैं पात-पात की प्राचीन कहावत चलते हुए शिरेामणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी की आंतरिक सदस्य कमेटी के सदस्यों ने पंजाब सरकार के विरूद्ध सियासी खेल खेलते हुए आज जस्टिस रंजीत सिंह कमीशन की श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी से संबंधित तहकीकात रिपोर्ट को पंजाब विधानसभा सत्र के पटल पर रखने से पहले ही रदद करने की घोषणा कर दी।
सवा तीन साल पहले फरीदकोट के बरगाड़ी में श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की चोरी के उपरांत हुई बेअदबी और पंजाब पुलिस द्वारा इंसाफ के लिए संघर्ष कर रही सिख संगत पर चलाई गई गोली और लाठीचार्ज से संबंधित घटनाओं के बारे में जस्टिस (सेवानिवृत) रंजीत सिंह कमीशन की जांच रिपोर्ट को बोगस करार देते हुए रदद करने का अंातरिक कमेटी ने अमृतसर में प्रस्ताव पास किया। एसजीपीसी अध्यक्ष भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि शिरोमणि कमेटी अपने प्रस्ताव न. 1104 दिनांक 30 दिसंबर 2017 द्वारा पंजाब सरकार के इस कठपुतली कमीशन को पहले ही रदद कर चुकी है।
बेअदबी का सच सामने आने से बादल घबराकर कर रहे है षड्यंत्र – जत्थेदार मंड
एसजीपीसी के सदस्यों ने चेतावनी दी है कि कांग्रेस पार्टी अपनी सिख पंथ विरोधी गतिविधियों से बाज आए अन्यथा कांग्रेस को तीखे पंथक रोष का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। प्रस्ताव में कहा गया कि जस्टिस रंजीत सिंह कमिशन की रिपोर्ट कांग्रेस के दिशा निर्देशों पर तैयार की गई है। इस तरह जस्टिस रंजीत सिंह ने भारतीय न्याय प्रणाली प र प्रश्न चिंह लगा दिया है। जिस के लिए रंजीत सिंह के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि लोगों का न्याया प्रणाली में भरोसा पैदा हो सके।
कार्यकारिणी कमेटी महसूस करती है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की स्वरूपों की हुई बेअदबी की जांच के लिए बनाए गए जांच कमिशन की ओर से इस कमिशन ने जांच करने की जगह श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पन्नों को माल खाने में रख कर आप ही पावन गुरबाणी की बेअदबी का घोर अपराध किया है। पास किए गए प्रस्ताव मतें कहा गया कि कमिशन की ओर से श्री अकाल तख्त साहिब , इस के जत्थेदारों के संबंध में उपयोग की गई भाषा, सिखों के प्रतिनिधि संस्थान एसजीपीसी और इस के सदस्यों के खिलाफ उपयोग किए गए गल्त शब्दों की सख्त शब्दों में निंदा की गई है। कमिशन की इस तरह की पंथक विरोधी गतिविधियों ने कमिशन के कांग्रेस पक्षीय होने का सबूत दिया है। कांग्रेस के इस कमिशन ने फर्जी गवाह तैयार करके सरकारी तंत्र का पूरी तरह दुरुपयोग किया है।
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कार्यकारिणी महसूस करती है कि कांग्रेस हमेशा ही सिख विरोधी रही है। अलग अलग समय के दौरान हुई राजीनितक घटनाओं से साबत किया है कि कांग्रेस सिख संस्थाओं को खत्म करने के लिए हमेशा गहरी साजिशें करती रहती है। जिस कारण ही कांग्रेस पार्टी ने अपनी मनचाही रिपोर्ट तैयार की है। वहीं कांग्रेस की शह पर ही पंथ विरोधी शक्तियों ने सरबत खालसा बुला कर अपनी मर्जी के जत्थेदार नियुक्त करके श्री अकाल तख्त साहिब और उसके सतकार योग्य जत्थेदारों के किरदार को प्रभावित करने की घिनौनी हरकत करके सिखों के अंदर गृह युद्ध की शुरूआत करवाने के साथ साथ एसजीपीसी के अधिकार क्षेत्र को सीधा चैंलेज किया है।
बैठक के बाद एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि एसजीपीसी जस्टिस रंजीत सिंह कमिशन की रिपोर्ट को सही मानने से पूरी तरह इंकार करती है। लोगोवाल नही ही इस बैठक की अध्यक्षता की। बैठक मेंएसजीपीसी के जूनियर उपाध्यक्ष हरपाल सिंह जल्ला, महासचिव गुरबचन सिंह कर्मूवाल, कमेटी के सछसय भगवंत सिंह सियालका, लखबीर सिंह अराईयावाला, गुरतेज सिंह ढड्ढे, नवजेत सिंह कांउणी, हरदेव सिंह रोगला, सज्जन सिंह , बाबा गुरमीत सिंह त्रिलोकीवाला, बीबी गुरप्रीत कौर ,गुरमीत सिंह बूह, रविंदर सिंह चक्क, अमरीक सिंह शाहपुर, मुख्य सचिव डा रूप सिंह , मजीत सिंह बाठ, अवतार सिंह सैंपला, दिलजीत सिंह बेदी , जगजीत सिंह जग्गी व दर्शन सिंह आदि भी मौजूद थे।
– सुनीलराय कामरेड