लुधियाना-गुरदासपुर : पंजाब के नाभा स्थित अति सुरक्षित जेल में बीते दिन सीमावर्ती जिले गुरदासपुर के कलांनौर निवासी और 23 वर्षीय कबडडी खिलाड़ी सुखप्रीत सिंह की संदिगध हालात में हुई मौत के बाद मृतकों के वारिसों और यार-दोस्तों समेत गांववासियों ने अंतिम संस्कार के अवसर पर शमशान घाट में जेल प्रशासन की लापरवाहियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जेल प्रशासन समेत सरकार से मांग की गई कि इस मौत की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर परिवार वालों को इंसाफ ना मिला तो वह सख्त संघर्ष छेड़ेंगे। मृतक के पारिवारिक सदस्यों ने दुख प्रगट करते हुए कहा कि सुखप्रीत सिंह की रविवार को मौत होने के बाद परिवार को 3 घंटों के बाद बताया गया। जिस दौरान जेल प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही सामने आई है।
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प्राप्त जानकारी के मुताबिक गैर कानूनी गतिविधियां कानून के अंतर्गत नाभा जेल में नजरबंद सुखप्रीत सिंह पुत्र सरदार हरदीप सिंह निवासी कलानौर के दिल के अटैक के दौरान मौत हो गई। एडवोकेट कुलदीप कौर ने बताया कि पुलिस के अत्याचार के कारण वह मारा गया है।
उन्होंने कहा कि 27 अक्तूबर 2018 को सुखप्रीत का एमआरआई हुआ था और डॉक्टरों ने दुबारा महीने के बाद दिखाने के लिए कहा था, परंतु जेल प्रशासन द्वारा उसे वक्त पर इलाज के लिए अस्पताल नहीं ले जाया गया। जिससे दिल का अटैक होने के कारण सुखप्रीत सिंह की मौत हो गई। यह भी पता चला है कि इस मामले में 11 में से 5 लोगों की जमानत हाईकोर्ट ने रदद कर दी थी।
उन्होंने कहा कि 23 वर्षीय कबडडी खिलाड़ी सुखप्रीत सिंह को पंजाब पुलिस द्वारा झूठे केसों में फंसाकर डेढ़ साल से गैर कानूनी तरीकों के साथ जेल में बंद रखा गया था और जबकि सच्चाई यह है कि सुखप्रीत के पास गिरफतारी के वक्त किसी भी प्रकार की कोई भी आपतिजनक वस्तु भी बरामद नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि अब सुखप्रीत सिंह का किस साजिश के तहत जेल में कत्ल हुआ है और वह इंसाफ प्राप्ति के लिए प्रत्येक प्रकार के यत्न करेंगे।
– सुनीलराय कामरेड