लुधियाना-फाजिलका : भारत के अरूणाचल प्रदेश के लोंगडिग जिले में शनिवार को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सोशलिस्ट काउंसिल आफ नागालैंड के गुर्गो के साथ सुबह 6 बजे हुई मुठभेड़ के दौरान शहीद होने वाले पंजाब के सपूत, लॉस नायक सुखचैन सिंह को आज हजारों नम आंखों ने सीमावर्ती गांव इस्लामवाला में अंतिम विदाई दी। लॉस नायक सुखचैन सिंह भारतीय फौज की 19सिख रेजीमेंट के सदस्य थे। वह 2009 में भारत मां की सेवा के लिए सेना में भर्ती हुआ था।
उनकी अंतिम विदाई के अवसर पर सेना के उच्च अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारियों के अतिरिक्त सियासी लोगों समेत दर्जनों गांवों के निवासी शहीद के वारिसों और नजदीकी रिश्तेदारों को सांत्वना देने पहुंचे हुए थे। इस अवसर पर तमाम लोगों द्वारा शहीद सुखचैन को श्रद्धांजलि दी गई तो अंतिम विदाई से पहले सेना की एक टुकड़ी द्वारा हथियार चलाकर शहीद सुखचैन सिंह को सलामी दी गई। इस दौरान समस्त वातावरण, ‘शहीद सुखचैन सिंह अमर रहें’ के नारों से गूंज उठा। शहीद सुखचैन अपने पीछे बुजुर्ग माता- जसबीर कौर, पिता-धर्मजीत सिंह , पत्नी-किरणजीत कौर और 3 वर्षीय बेटी गुरनूर कौर समेत 8 माह के बेटे समरदीप सिंह को छोड़ गया है।
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स्मरण रहे कि शहीद सुखचैन सिंह 45 दिन की छुटटी काटने के लिए पिछले दिनों अपने गांव आया हुआ था। इस दौरान उसने अपने यार-दोस्तों को भारतीय सेना में सैनिक की भूमिका निभाने और भारत मां की सेवा के लिए प्रेरित करते हुए भर्ती हो जाने की सलाह दी थी। शहीद सुखचैन 4 दिसंबर को छुटटी खत्म होने से 2 दिन पहले ही एक विशेष आप्रेशन हेतु वापिस अरूणाचल प्रदेश बुला लिया गया था।
डयूटी पर उपस्थित होने के बाद वह 35 सदस्यों के समूह के साथ विशेष अभियान पर चला गया, जहां एक मुकाबले के दौरान वह देश के लिए शहीद हो गया। शहीद सुखचैन के पारिवारिक वारिस और गांववासी उसकी शहादत पर गर्व महसूस कर रहे थे। लास नायक सुखचैन सिंह के साथी जगतार सिंह ने बताया कि अरूणाचल प्रदेश में सेना की टुकड़ी पर आतंकवादियों ने हमला किया था, जिस दौरान उनके 3 साथी जख्मी हुए थे। परंतु सुखचैन के जख्म गहरे होने के कारण उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि इस हमले के दौरान सुखचैन ने बहुत ही बहादुरी के साथ आतंकवादियों से जमकर लोहा लिया और दुश्मनों का काफी देर सामना करता रहा।
शहीद के पिता धर्मजीत सिंह ने नम आंखों को पौछते हुए कहा कि उन्हें और उनके परिवार को जहां अपने जवान बेटे के बेवक्त इस संसार से चले जाने का दुख है वही उन्हें गर्व है कि उनके सपूत ने देश की रक्षा की खातिर शहादत का जाम पिया है। फाजिलका के एसडीएम सुभाष खटक ने भी जिला प्रशासन की तरफ से शहीद के परिवार को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है और वह पंजाब सरकार को भी मदद के लिए लिखेंगे।