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बेअदबी मामला: अक्षय कुमार से पंजाब पुलिस की एसआईटी ने की पूछताछ

अक्षय कुमार ने अनुरोध किया था कि उन्हें अमृतसर की बजाय चंडीगढ़ में एसआईटी अधिकारियों से मिलने की इजाजत दी जाए, जहां उन्हें मूल रूप से तलब किया गया था।

बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार से बुधवार को पंजाब पुलिस की एक विशेष जांच टीम ने पूछताछ की। अक्षय पर जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम और पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के बीच कथित रूप से 100 करोड़ रुपये का सौदा कराने का आरोप है। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी। पूछताछ सुबह करीब 9.45 बजे शुरू हुई और इसकी वीडियो रिकॉर्डिग भी की गई।

अक्षय कुमार बुधवार सुबह चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर चार्टर्ड विमान से उतरे और एसआईटी के सामने उपस्थित होने के लिए सीधे सेक्टर-9 में स्थित पंजाब पुलिस मुख्यालय गए। वह मुख्यालय में करीब दो घंटे तक रहे। पूछताछ खत्म होने के बाद अक्षय को बाहर इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों से बचाते हुए पुलिस मुख्यालय परिसर के साइड गेट से निकालकर उनके वाहन से ले जाया गया।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि एसआईटी ने अक्षय से कथित सौदे, गुरमीत राम रहीम और बादल के साथ उनके संबंधों के बारे में पूछताछ की। उनसे यह भी पूछा गया कि क्या डेरा नेता भी मुंबई के उसी इलाके में रहते थे, जहां अक्षय रहते हैं। एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि अक्षय ने एसआईटी अधिकारियों को उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का सबूत दिखाने की चुनौती दी और सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास नहीं करने के लिए कहा। सभी आरोपों का खंडन करते हुए 51 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि सिख धर्म के प्रति उनके मन में काफी सम्मान है और वह ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे इसका अपमान हो या चोट पहुंचे।

Akshay Kumar

इससे पहले चंडीगढ़ हवाईअड्डा पहुंचने पर अक्षय कुमार ने मीडिया से पंजाबी में कहा, तुस्सी वी आओ, नाल चलो (आप भी हमारे साथ चलो)। फिर वह लक्जरी एसयूवी कार में बैठकर पूछताछ के लिए रवाना हो गए। पंजाब पुलिस एसआईटी सिख समुदाय के पवित्र ग्रंथ की बेअदबी और इसी मामले में 2015 में प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी के मामलों की जांच कर रही है और इसने इस महीने की शुरुआत में अभिनेता को गवाह के रूप में तलब किया था।

अक्षय कुमार ने अनुरोध किया था कि उन्हें अमृतसर की बजाय चंडीगढ़ में एसआईटी अधिकारियों से मिलने की इजाजत दी जाए, जहां उन्हें मूल रूप से तलब किया गया था। अक्षय से साल 2015 में विवादित संत राम रहीम की फिल्म की रिलीज के महज कुछ दिनों पहले उसकी और सुखबीर बादल के बीच 100 करोड़ रुपये का सौदा कराने में उनकी कथित भूमिका के बारे में पूछताछ की गई। गुरमीत राम रहीम को दुष्कर्म के मामले में 20 वर्ष की जेल की सजा हुई है।

अक्षय ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए इन्हें ‘अफवाहें और झूठे बयान’ कहा। अक्षय ने पंजाब पुलिस द्वारा तलब किए जाने के बाद हाल ही में ट्वीट किया था, मैं जिंदगी में कभी भी, कहीं भी गुरमीत राम रहीम से नहीं मिला हूं। मुझे सोशल मीडिया से पता चला कि राम रहीम कुछ समय के लिए मुंबई के जुहू में मेरे ही इलाके में कहीं रहता था। लेकिन, हम दोनों एक-दूसरे से कभी नहीं मिले। वहीं, सुखबीर बादल ने मंगलवार को कहा कि पंजाब के बाहर अक्षय से उनकी कभी कोई मुलाकात नहीं हुई।

बादल ने कहा, मैं अक्षय कुमार से पंजाब के बाहर कभी नहीं मिला। एसआईटी ने सोमवार को पंजाब पुलिस मुख्यालय में सुखबीर बादल से पूछताछ की थी। उन्होंने पूछताछ को शर्मनाक बताते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अगुवाई में पंजाब में कांग्रेस सरकार राजनीतिक बदला की भावना से यह कर रही है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से 16 नवंबर को अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक (एडीजीपी) प्रमोद कुमार और महानिरीक्षक कुंवर विजय प्रताप की अगुवाई में पूछताछ की गई थी।

प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि उन्होंने एसआईटी को बताया कि उन्होंने अक्टूबर 2015 में बेअदबी के खिलाफ आंदोलन करने वाले सिख प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी करने का आदेश नहीं दिया था। इससे पहले मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा था कि एसआईटी द्वारा बादल और अभिनेता को तलब किए जाने में उनकी सरकार की कोई भूमिका नहीं है।

अक्टूबर 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी के मामलों की जांच के लिए इस साल सितंबर में अमरिंदर सरकार द्वारा एसआईटी गठित की गई थी। इन घटनाओं के समय राज्य में अकाली दल-भाजपा गठबंधन सरकार थी और प्रकाश सिंह बादल मुख्यमंत्री थे। फरीदकोट जिले के कोटकपुरा के बेहबल कलां गांव में पुलिस की गोलीबारी में दो लोग मारे गए थे।

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