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गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर अधिक से अधिक सिखों को पाक सरकार जारी करे वीजा

एसजीपीसी के हुए जरनल इजालस में सर्वसमिति से गोबिंद सिंह लोंगोवाल को दूसरी बार अध्यक्ष चुने जाने के बाद लोंगोवाल ने अलग— अलग प्रस्ताव पेश किए

लुधियाना- अमृतसर : एसजीपीसी के हुए जरनल इजालस में सर्वसमिति से गोबिंद सिंह लोंगोवाल को दूसरी बार अध्यक्ष चुने जाने के बाद लोंगोवाल ने अलग— अलग प्रस्ताव पेश किए जिन प्रस्तावों को हाउस में शामिल सदस्यों ने सर्व समिति से पास कर दिया।

— एसजीपीसी गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व वर्ष 2019 में अंतराष्ट्रीय स्तर पर मनाएगी। मुख्य कार्यक्रम सुलतानपुर लोधी में आयोजित किए जाएंगे। यहा पर गुरु साहिब ने 14 वर्ष का समय व्यतीत किया। इस के लिए कार्यक्रमों की शुरूआत 22 नवंबर से होगी। इस में सभी धर्मों के प्रतिनिधियों को बुलाया जाएगा। इस अवसर पर सभी राज्यों की सरकारों और पंजाब सरकार को भी अपील की जाती है कि यहां यहां भी गुरु जी के साथ संबंधित स्थान है वहां वहां का विकास करवाया जाए और वहां के लिए अधिक से अधिक विकास राशि जारी की जाए।

— एसजीपीसी पाकिस्तान सरकार से मांग करती है कि गुरुद्वारा करतापुर साहिब के दर्शनों के लिए सिख संगत को सीमा से आने जाने के लिए रास्ता प्रदान किया जाए। यह डेरा बाबा नानक कस्बा से सीमा पर करीब 3 से 4 किलोमीटर का रास्ता है। डेरा बाबा नानक में संगत हर रोज बडी संख्या में गुरुद्वारा करतारपुर को दूर से दर्शन करने के लिए जाती है। एसजीपीसी भारत और पाक सरकार से मांग करती है कि यह रास्ता गुरुद्वारा के दर्शनों के लिए खोला जाए।

— पाकिस्तान सरकार गुरु साहिब के 550वें प्रकाश पर्व पर सिख संगत को गुरुद्वारा के दर्शन करने के लिए अधिक से अधिक वीजे प्रदान करे ताकि सिख संगत बडी संख्या में पाकिस्तान जा कर प्रकाश पर्व को मना सके।

— एसजीपीसी का इजलास गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की हुई दुखदाई घटनाओं की निंदा करती है। मांग की जाती है कि गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

— एसजीपीसी श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं को रोकने के लिए देश विदेशों में स्थित गुरुद्वारों की प्रबंधक कमेटियों से अपील करती है कि गुरु ग्रंथ साहिब की सुरक्षा के लिए पहरा सख्त किया जाए। ग्रंथी सिंह इस के लिए सुचेत रहे। अगर किसी तरह कोई घटना किसी गुरुद्वारा साहिब में बेअदबी की होती है तो उस के लिए प्रबंधक कमेटी के साथ साथ वहां के अध्यक्ष , सचिव व अन्य पदाधिकारी और ग्रंथी आदि जिम्मेवार होंगे।

— एसजीपीसी का आज का जनरल इजलास मांग करता है कि देश की अलग अलग जेलों में टाडा व अन्य कानूनों के तहत बंद व अपने सजाएं पूरी कर चुके निर्दोष सिखों को भारत सरकार तुरंत रिहा करे।

—एसजीपीसी मांग करती है कि श्री हरिमंदिर साहिब के दर्शन के लिए देश विदेशों से आने वाली संगत की सुविधा के लिए श्री हमिरंदिर साहिब को जाने वाले रास्तों जिसमें बुर्ज बाबा फूला सिंह मार्ग, घी मंड चौंक, गुरुद्वारा शहीद गंज बाबा दीप सिंह और चाटीविंड से श्री हरिमंदिर साहिब को जाने वाले रास्तों को खुला करवा कर इस रास्तों को हरा भरा करने के लिए वहां पेढ पौदे जगाए जाएं। रास्तों में हुए अवैध कब्जों को छुडवाया जाए। रेहड़ी फड़ी हटाई जाएं।

—एसजीपीसी का इजलास वर्ष 1984 में श्री हरिमंदिर साहिब के उपर समय की सरकार की ओर से करवाई गई सैन्य कार्यवाई और इसके बाद हुए सिखों के कत्लेआम की सख्त निंदा करता है। मांग की जाती है कि इस मे शामिल सभी दोषियों को सजाएं दी जाएं। जिन सिखों की जयदादों पर कब्जे कर लिए गए है कारोबार तबाह कर दिए गए है उनको न्याय दिया जाए।

— जून 1984 में श्री हरिमंदिर साहिब के उपर हुए सैन्य हमले के दौरान समय की सरकार और सेना ने सिख रिफ्रेंस लाइब्रेरी का बहुमूल्य खजाना अपने कब्जे में ले लिया था। जो अभी तक वापिस नहीं दिया गया। इस सारे समान को सही सलामत हालत में वापिस किया जाए। इस में पावन हस्थ लिखित पांडू लीपियां , महत्पर्वूण हुकमनामे, कई विशेष पुस्तकें , गुरु साहिबों के साथ संबंधित दस्तावेज आदि भी थे। सरकारों के अलग अलग प्रतिनिधियों की ओर से आश्वासन दिए जाने के बावजूद इस दस्तावेज और खजाना अभी तक वापिस नहीं दिय गया। जिस को वापिस दिया जाए।

— एसजीपीसी देश व विदेशों में सिखों के उपर हो रहे नस्लीय हमलों का विरोध करती है। सरकारों की जिम्मेवारी है कि सिखों की अलग पहचान को बनाए रखने के लिए सिखों के ककारों की रक्षा करके में सहायता करे। अपने देश के लोगों को सिखों की अलग पहचान के संबध में जानकारी दें। विदेशों में रहने वाले सिखों की जान व माल की सुरक्षा का यकीनी बनाया जाए। भारक सरकार भी इस के लिए विदेशी सरकारों के साथ बातचीत करे।

— देश व विदेशों में होती प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान सिख विद्यार्थियों को अपने पांच ककार पहनने से रोका न जाए। क्यों कि अगर उनको ककार उताने के लिए कहा जाता है तो इस से उनको मानसिक पीड़ा महसूस होती है। सिखों को अपने धार्मिक चिन्हों के कारण आती मुशिकलों को हल करवाने के लिए सरकारों को सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।

— एसजीपीसी मांग करती है कि फिल्मों, नाटकों, व टीवी सीरियलों में सिख पात्रों को मजाकिया लहिजे में पेश किया जाना पूरी तरह बंद किया जाए।

— फिल्मों में टीवी सीरियलों के लिए बनाए गए सैंसर बोर्ड कें सिखों के प्रतिनिधि के रूप में एसजीपीसी के माध्मय से प्रतिनिधि पक्के तौर पर लिया जाए।

— एसजीपीसी मांग करती है कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की पाठ्य पुस्तकों में सिख व गुरु इतिहास को गलत ढंग से तोडमरोड़ कर पेश करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। कांग्रेस पार्टी शुरू से ही सिख विरोधी नीतियों को अपनाती रही है और लागू करती रही है। इस बार भी कांग्रेस सरकार ने इतिहास को तोड मरोड़ कर पेश करते हुए सिखों पर बडा हमला किया है जिस का विरोध किया जाता है। मुख्य मंत्री श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर सिख कौम से मांफी मांगे। शिक्षा मंत्री को तुरंत पद से हटाया जाए। जिन लोगों ने गलत इतिहास का दर्ज करवाया है उनके खिलाफ सख्त कानूनी कारवाई की जाए।

— अगर एसजीपीसी की ओर से प्रकाशित सिख इतिहास की पुस्तकों में प्रकाशन के दौरान कोई गलती रह गई है तो उसके लिए एसजीपीसी क्षमा मांगती है। इन पुस्तकों का रिव्यू किया जाएगा। भविष्य में गलती न हो इस के लिए सख्त हिदायातें दी जाती है।

— एसजीपीसी सोशल मीडिया के उपर गुरु साहिब और सिख धर्म के संबंध में फलाई जाती अपमान जनक सामग्री की निंदा करती है। इस गलत सामग्री को प्रसारित करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। साइबर क्राइम विभाग इस पर सख्त नजर रखे। ऐसी व्यवस्था की जाए कि सोशल मीडिया पर इस तरह की सामग्री डाली ही न सके।

— इजलास के दौरान एसजीपीसी के मृत्यु को प्राप्त हो चुके सदस्यों कुलदीप सिह वडाला, जत्थेदार लाभ सिंह देवीनगर , सुखचैन सिंह धर्म पुरा के परिवार के सदस्यों के साथ दुख प्रगट करता है और इस के लिए शोक प्रस्ताव पारित किया जाता है। इस दौरान इन सदस्यों की एसजीपीसी और सिख कौम के प्रति निभाई गई सेवाओं को भी याद किया गया।

– सुनीलराय कामरेड

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