राजस्थान में संचालित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के सकारात्मक परिणाम अब दृष्टिगोचर होने लगे हैं तथा प्रदेश में शिशु मृत्यु दर में दो अंकों का सुधार हुआ है।
स्वास्थ्य सूचकांकों की दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जाने वाले सेम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस)-2016 की जारी रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान के शिशु मृत्युदर में दो अंकों का सुधार दर्ज किया गया हैं एवं अब शिशु मृत्युदर 41 रह गयी है।
राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने शिशु मृत्युदर में दर्ज की गयी दो अंकों की गिरावट पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वर्तमान में किये जा रहे विशेष प्रयासों से आगामी वर्षों में शिशु मृत्युदर में और कमी लायी जा सकेगी।
विभाग के प्रमुख शासन सचिव वीनू गुप्ता ने बताया कि एसआरएस-2016 की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार शिशु मृत्युदर में दो अंको की कमी दर्ज की गयी है। उन्होंने बताया कि राजस्थान पहले के वर्षो में शिशु मृत्युदर एसआरएस 2012 की रिपोर्ट के अनुसार 49 थी। वर्ष 2013 में 47, 2014 में 46 एवं एसआरएस रिपोर्ट 2015 में यह 43 दर्ज की गयी थी।