राजस्थान के श्रीगंगानगर में बहुचर्चित एक अधिवक्ता पर अपनी 3 वर्ष की मासूम पुत्री के साथ कथित दुष्कर्म करने के आरोप का मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक पहुंच गया है। श्रीगंगानगर से अधिवक्ताओं का एक शिष्टमंडल आरोपी अधिवक्ता के परिजनों को साथ लेकर मंलगवार शाम को जयपुर में अशोक गहलोत से मिला।
इसके बाद श्रीगंगानगर जिला पुलिस से इस प्रकरण पर तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की गई है। आज यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रेषित कर दी गई। इससे पहले यह शिष्टमंडल चिकित्सा मंत्री डा़ रघु शर्मा से भी मिला। उधर इस मामले को लेकर श्रीगंगानगर में बार संघ के आह्वान पर अधिवक्ताओं की हड़ताल आठवें दिन भी जारी रही।
ईद का अवकाश होने के बावजूद अधिवक्ताओं ने जिला न्यायालय परिसर में एकत्रित होकर सभा की और इसके बाद सिविल लाइंस में पुलिस अधीक्षक के सरकारी निवास की तरफ कूच किया। अधिवक्ताओं ने पुलिस अधीक्षक हेमंत शर्मा का पुतला जलाकर आक्रोश भी व्यक्त किया।
बार संघ के अध्यक्ष जसवीर सिंह मिशन ने बताया कि प्रदर्शन में बड़ी संख्या में अधिवक्ता शामिल हुए। आरोपी अधिवक्ता के परिवार के लोगों ने भी इसमें भाग लिया। बार संघ द्वारा मांग की जा रही है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच और त्वरित कार्रवाई की जाए।
बार संघ का आरोप है कि पुलिस ने मामले की जांच किए बिना ही आनन-फानन में आरोपित अधिवक्ता विनोद को गिरफ्तार कर लिया। पिछले सप्ताह बार संघ के शिष्टमंडल के साथ वार्ता करते हुए पुलिस अधीक्षक ने आश्वस्त किया था कि तीन दिन में जांच पूरी कर ली जाएगी। इस बात को पांच दिन हो गए।
अभी तक पुलिस की जांच मुकम्मल नहीं हुई है। पुलिस के अनुसार मामले की जांच लगभग पूरी कर ली गई है। दोनों पक्षों के लोगों के बयान दर्ज हो चुके हैं। पीड़ित बालिका की मेडिकल रिपोर्ट पुलिस को पहले ही मिल गई थी। उसकी मां के द्वारा सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अदालत में बयान दर्ज कराए गए हैं।
इस मामले में शीघ, ही चालान पेश कर दिया जायेगा। उल्लेखनीय है कि करीब दस दिन पहले श्रीगंगानगर में आरोपी की पत्नी ने महिला थाने में अपने पति पर तीन वर्षीय पुत्री के साथ गत चार मई को दुष्कर्म का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद अधिवक्ता विनोद को गिरफ्तार कर लिया था, जो अब न्यायिक हिरासत में हैं।