राजस्थान में चल रहे राजनीतिक उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार शाम राज्यपाल से मुलाकात की। 45 मिनट तक चली इस बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को कोरोना महामारी से बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। वहीं दूसरी तरफ अगले हफ्ते विधानसभा का संक्षिप्त सत्र बुलाए जाने की सम्भावना जताई जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि सरकार के समक्ष संक्षिप्त विधानसभा सत्र बुलाने सहित सभी विकल्प खुलें हैं। इधर, कांग्रेस नेता अजय माकन ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘सदन में शक्ति परीक्षण कब होगा.. कैसे होगा.. यह निर्णय और इसकी घोषणा मुख्यमंत्री और सरकार को करनी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री अपने विवेक से जब जरूरत होगी… अगर जरुरत हुई तो उस तरफ आगे बढेंगे।’’
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वहीं पार्टी सूत्रों ने कहा कि संक्षिप्त सत्र बुलाने की संभावना है लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। पार्टी ने बताया किया कि अशोक गहलोत सरकार के पास सदन में यदि बहुमत सिद्ध करने की जरूरत हुई तो पर्याप्त संख्याबल है। 200 सदस्यों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायकों में पायलट खेमे के 18 विधायक और सचिन पायलट सहित 19 विधायक शामिल है।
राष्ट्रीय लोक दल के एक विधायक का कांग्रेस को समर्थन है जबकि सत्ताधारी पार्टी को 13 निर्दलीय विधायकों में से 10 का समर्थन प्राप्त है। भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो विधायकों ने अधिकारिक तौर पर अशोक गहलोत सरकार को समर्थन देने की शनिवार को घोषणा की थी।
वहीं सरकार माकपा के दोनों विधायकों को अपना समर्थक मान रही है। माकपा ने कहा कि उनका स्टेंड बिल्कुल साफ है कि उन्हें बीजेपी को हराना है लेकिन राज्य सरकार को समर्थन देने के बारे में कोई भी निर्णय पार्टी नेतृत्व द्वारा किया जायेगा।