राजस्थान में बीकानेर के संभागीय मुख्य वन संरक्षक महेंद्र कुमार अग्रवाल ने कहा कि वन्यजीव अपराध घटित होने पर इस तरीके से प्रकरण से सम्बन्धित कागजात तैयार किए जावे जिससे अपराधी को कोर्ट में सजा मिल सके। श्री अग्रवाल आज यहां संभाग स्तरीय वन्यजीव अपराध नियंत्रण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में निरंतर गश्त कर अधिकारी, कर्मचारी वन्य जीवों के शिकार की घटनाओं पर अंकुश लगाया जाए।
कार्यशाला में उप वन संरक्षक जयदीप सिंह राठौड़ ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं को अपराध होने पर किस प्रकार लागू किया जावे की विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कार्यशाला में मौजूद सहभागियों से अपने-अपने क्षेत्र में जागरुक रहने को कहा एवं शिकार की घटना होने पर त्वरित कार्यवाही करने का आग्रह किया। कार्यशाला में अभियोजन अधिकारी चतुर्भुज शर्मा, जीव रक्षा अध्यक्ष मोखराम धारणिया ने भी संबोधित किया।