मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरिस्का बाघ अभयारण्य में बाघ (एसटी-16) की मौत की उच्चस्तरीय प्रशासनिक जांच के आदेश दिए हैं। इस बाघ की पिछले शनिवार को मौत हो गयी थी। इसे दो माह पहले ही रणथम्भौर राष्ट्रीय पार्क से सरिस्का में स्थानांतरित किया गया था। इसकी उम्र सात से आठ साल थी।
वन अधिकारियों ने कहा कि बाघ घायल था, इसलिए उसे ‘ट्रेंक्यूलाइज’ (बेहोश) कर उसका इलाज किया गया। इसके बाद उसे छोड़ दिया गया, लेकिन वह लगभग दो किलोमीटर चला और गिर गया। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार प्रमुख शासन सचिव (सहकारिता) अभय कुमार को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
गहलोत ने आठ जून को हुई बाघ की मौत को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच करने और लापरवाह कर्मियों और अधिकारियों की ज़िम्मेदारी तय करने के आदेश दिये हैं। जांच अधिकारी अपनी रिपोर्ट में सरिस्का बाघ परियोजना क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था के आकलन और सरिस्का में प्रबंधन व्यवस्था एवं विभिन्न सुविधाओं के सुधार पर भी सुझाव देंगे।