राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने बुधवार को कहा कि हम उन कारणों का अध्ययन और विश्लेषण करेंगे कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के चार-पांच महीने के बाद जनता ने भाजपा को क्यों चुना। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्वयं ने विनम्रता के साथ जनादेश को स्वीकार किया है लेकिन राज्य की पार्टी हार के कारणों का अध्ययन और विश्लेषण करेगी कि सरकार बनने के 4-5 महीने बाद जनता ने भाजपा को क्यों चुना।
उन्होंने कहा कि इसका हम विश्लेषण करेंगे और बड़े खुले माहौल में जिलेवार चर्चा करेंगे। कहां पर हमें बदलाव करने की जरूरत है, कहां कार्यवाही करने की जरूरत है, कहां कमिंया हैं यह आत्मचितंन निश्चित रूप से कांग्रेस हर जगह करेगी। उन्होंने कहा कि आत्मचिंतन से कांग्रेस और मजबूत होकर आगे बढ़े और उभरे यह हमारी कोशिश रहेगी।
हमें एक जुट रहकर आगे बढ़ना है और मुझे पूरा विश्वास है कि कम से कम राजस्थान के कार्यकर्ताओं की मेहनत से हम जनता का विश्वास जीतने में सफल रहेंगे। पार्टी की लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद प्रदेश कार्यकारिणी की पहली बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में पायलट ने कहा कि हम राजस्थान में चुनाव नहीं जीत पाए। एक भी सीट जीतने में हम कामयाब नहीं हो पाए। पहली बात तो हमने जनता के जनादेश को हमने बड़ी विनम्रता से स्वीकार किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने खुद भी इसे स्वीकार किया है लेकिन हम विश्लेषण और अध्ययन करेंगे कि सरकार बनने के 4—5 महीने बाद जनता ने भाजपा को चुना। उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियो और कार्यकर्ताओं से कहा कि लोगो को कांग्रेस पार्टी से जोड़ने के लिये राजव्यापी ‘जनसंपर्क कार्यक्रम’ शुरू करें। उन्होंने कहा कि हम हार को स्वीकार करते हैं और मतदाताओं ने जो निर्णय लिया है उसे विनम्रता से स्वीकार करते हैं।
आने वाले समय में संगठन को दोबारा मजबूत कर जनता में जायेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने प्रदेश कांग्रेस समिति के सभी सदस्यों को कहा कि तुरंत प्रभाव से हमलोग एक ‘जनसंपर्क कार्यक्रम’ चालू करें, गांवों में, ढाणियों में, शहर कस्बों में तुरंत प्रभाव से चले जायें। यह पहला चुनाव नहीं है और यह आखिरी चुनाव भी नहीं है।
इसलिये हमलोग जनता के बीच पुन: जायेंगे और उनका दोबारा मन जीतेंगे । उन्होंने कहा कि राजस्थान में सरकार हमारी है जनता की सभी आंकाक्षाओं को हम पूरा करेंगे और प्रत्येक कांग्रेस जन अपने क्षेत्रों में निकल कर लोगों से संवाद कायम करेगा और आने वाले समय के लिये लोगों को कांग्रेस तरफ प्रेरित करने का काम करेगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के त्यागपत्र को स्वीकार नहीं करने के सीडब्ल्यूसी के प्रस्ताव को समर्थन देने के लिये एक प्रस्ताव पारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि हम सभी ने पार्टी अध्यक्ष को अपने पद पर बने रहने का आग्रह किया है और उन्हें संगठन में किसी प्रकार के बदलाव के लिये अधिकृत किया है। पिछले वर्ष दिसम्बर में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस की राज्य की सभी 25 लोकसभा सीटों पर हार हुई है। राजस्थान में 25 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 24 सीटों पर और एक सीट पर भाजपा के गठबंधन राष्ट्रीय लोक तांत्रिक पार्टी ने जीत दर्ज की है।