राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं उपचार के लिए जांच सुविधाओं एवं आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन बैड की संख्या में निरंतर वृद्धि के साथ ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर सहित अन्य दवाओं की आपूर्ति के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे है। शर्मा ने अपने बयान में आज यह बात कही।
उन्होंने कहा कि कोरोना टीकाकरण को प्राथमिकता दिए जाने के परिणामस्वरुप राजस्थान देश के अग्रणी प्रदेशों में शामिल है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोरोना जांच क्षमता 86 हजार प्रतिदिन हो चुकी है एवं प्रतिदिन लगभग 80 हजार टेस्ट किए जा रहे है। सभी जांच आरटीपीसीआर द्वारा ही की जा रही है एवं सभी जिलों में यह जांच सुविधा उपलब्ध है। प्रदेश में 38 सरकारी एवं 29 निजी सहित 67 जांच प्रयोगशालाएं क्रियाशील है। निजी चिकित्सालयों एवं निजी लैब में आरटीपीसीआर की अधिकतम दर 350 रुपए निर्धारित की गई है, जो देश में न्यूनतम है। उन्होंने कहा कि जांच क्षमता को एक लाख किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के सुदृढ़ीकरण पर विशेष बल दिया जा रहा है और गत एक वर्ष के दौरान सात हजार 500 ऑक्सीजन सपोर्टेड बैड्स एवं 1750 आईसीयू बैड्स की वृद्धि की गई है। वर्तमान में प्रदेश में 14 हजार 389 ऑक्सीजन सर्पोटेड बैड्स एवं 4 हजार 477 आईसीयू बैड्स उपलब्ध है। गत एक वर्ष के दौरान ही 43 चिकित्सालयों में 125 टन उत्पादन क्षमता के ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की स्थापना की गई।
डॉ शर्मा ने बताया कि आरएमएससीएल द्वारा अप्रैल में विभिन्न दवा निर्मिताओं को एक लाख 75 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन के क्रय आदेश दिए गए एवं इनमें अब तक 28 हजार 350 इंजेक्शन की ही आपूर्ति हुई है। केंद्र सरकार द्वारा 21 से 30 अप्रैल तक की अवधि के लिए 26 हजार 500 रेमडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन किया गया एवं राज्य सरकार के प्रयासों के फलस्वरुप अब 67 हजार इंजेक्शन का केंद्र द्वारा आवंटन हुआ है। रेमडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन बढ़ने का उनरोध किया गया है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर राज्य में 250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है। केंद्र द्वारा राज्य को 140 मीट्रिक टन मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन का आवंटन किया गया। प्रदेश में इस समय लिक्विड ऑक्सीजन परिवहन के लिए 4 से 6 मीट्रिक टन भराव क्षमता के 23 टैंकर उपलब्ध है। आवश्यकता के दृष्टिगत 30 मीट्रिक टन की भराव क्षमता वाले छह टैंकरों की अतिरिक्त जरुरत है। जिसकी व्यवस्था के प्रयास किए जा रहे है।
उन्होंने बताया कि कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के तहत प्रदेश में अब तक एक करोड़ 20 लाख 57 हजार से अधिक लोगों को कोविड वैक्सीन दी जा चुकी है। एक मई से 18 से 45 वर्ष की आयुवर्ग के लोगों का भी टीकाकरण किया जाना है। केंद्र द्वारा कहा गया है कि वैक्सीन सीधे ही सीरम इंस्टीट्यूट को कीमत अदा करके खरीदनी है।
अधिकारियों द्वारा सीरम इंस्टीट्यूट से बात की गई तो उन्हें बताया गया कि अभी तक उनके पास वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। सीरम इंस्टीट्यूट इस समय केंद्र सरकार के साथ हुए वचन को भी 15 मई तक पूर्ण नहीं कर पा रहा। इस स्थिति में 18 वर्ष से 45 वर्ष की आयुवर्ग को प्रदेश में टीकाकरण करने का कार्य राजस्थान को टीका उपलब्ध कराने पर ही निर्भर करेगा।