राजस्थान में सीएम पद को लेकर गेंद सोनिया गांधी के पाले में जाने के बाद भी पायलट समर्थकों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। पायलट समर्थक अशोक गहलोत कांग्रेस दफ्तर देखते ही उबल पड़े, उन्होनें अशोक गहलोत के खिलाफ जमकर नारेबाजी करनी शुरू कर दी, जिसके बाद ही मौके पर खड़े मीडिया कर्मियों की नजरें पायलट समर्थक विधायकों पर गढ़ गई। नारेबाजी से राजस्थान में कांग्रेस में बिगड़ने वाले माहौल का अंदाजा लगाया जा सकता हैं। पायलट समर्थक विधायक ने पार्टी नेतृत्व के सामने पायलट को राजस्थान का सीएम या पार्टी का अध्यक्ष बनाने की मांग कर डाली। थोडी देर के लिए कांग्रेस दफ्तर में हालात बिगड़ने के कगार आ गये लेकिन समय की स्थिति को देखते हुए पायलट समर्थकों को समझाया गया।
राहुल गांधी भी यंग, देश का भविष्य युवाओं के हाथ में
पायलट समर्थकों ने कहा की राहुल गांधी भी यंग हैं, देश का भविष्य भी युवाओं के हाथ में हैं, लेकिन अगर पार्टी में पहली पंक्ति में युवाओं को जगह नहीं मिलेगी तब तक पार्टी में ताकत नहीं मिलेंगी। विधायकों ने आगे कहा सचिन पायलट को जमीनी अनुभव हैं कार्यकर्ताओं की पसंद हैं ,इसलिए हम उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने के लिए मांग करते हैं।
राहुल गांधी भी यंग, देश का भविष्य युवाओं के हाथ में
पायलट समर्थकों ने कहा की राहुल गांधी भी यंग हैं, देश का भविष्य भी युवाओं के हाथ में हैं, लेकिन अगर पार्टी में पहली पंक्ति में युवाओं को जगह नहीं मिलेगी तब तक पार्टी में ताकत नहीं मिलेंगी। विधायकों ने आगे कहा सचिन पायलट को जमीनी अनुभव हैं कार्यकर्ताओं की पसंद हैं ,इसलिए हम उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने के लिए मांग करते हैं।
सोनिया गांधी लेंगी राजस्थान सीएम पर फैसला
अशोक गहलोत की अध्यक्ष बनने को लेकर राजस्थान में मचे सियासी संघर्ष के बीच ही सीएम को लेकर कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा देने की धमकी कांग्रेस के हाईकमान को दी दे थी । जिसके बाद ही अशोक गहलोत को पर्यवेक्षकों ने क्लीनचिट तो दे दी थी, लेकिन समर्थकों पर कार्रवाई की अनुंशसा कर दी थी। जिसके बाद ही राजस्थान को लेकर कांग्रेस के हैवीवेट नेता के के वेणुगोपाल ने मीडिया में कहा था, राजस्थान में सीएम को लेकर फैसला सोनिया गांधी एक -दो दिन में ही करेंगी । जिसके बाद ही गहलोत से सीएम पद जाने अटकलें शुरू हो गई थी।
समर्थकों के कृत्य पर सोनिया से गहलोत ने मांगी थी माफी
अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात होने पर राजस्थान में मचे सियासी बवाल को लेकर माफी मांगी थी , अशोक गहलोत ने कहा था कि हमारी पार्टी में एक लाइन का प्रस्ताव पास किया जाता हैं , लेकिन मेंरे राज्य में ऐसा नहीं हो पाया हैं , जिसको लेकर मैं जीवन भर दुखी रहूंगा । दरअसल दिल्ली से जयपुर सोनिया गांंधी ने पर्यवेक्षक के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे व अजय माकन को भेजा था , लेकिन गुटबाजी के चलते विधायक सीएलपी की मीटिंग में नहीं आये , बल्कि सीेएम के बदले जाने पर हाईकमान को सामूहिक इस्तीफा देकर सरकार गिराने की बात तक कह दी ।