वित्त वर्ष 2018-19 के लिए राजस्थान को केन्द्र से लगभग 5 हजार 600 करोड़ कम मिले थे तथा चालू वित्त वर्ष में करीब 7 हजार 348 करोड़ रूपये कम मिलने की सम्भावना है। इसे देखते हुए विकास कार्याें की प्राथमिकता नए सिरे से तय करना आवश्यक है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) November 5, 2019
चालू वित्त वर्ष में राज्य को न केवल केंद्रीय करों से मिलने वाली हिस्सा राशि में लगभग 4 हजार 172 करोड़ रूपये बल्कि विभिन्न केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के अनुदान में करीब 3 हजार 176 करोड़ रूपये की कटौती सम्भावित है। उन्होंने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि केंद्र से प्राप्त होने वाली करों की हिस्सा राशि, अनुदान में कमी को देखते हुए राज्य में विकास कार्यो की प्राथमिकताओं का पुनर्निर्धारण किया जाए तथा प्रदेश के अपने संसाधनों से राजस्व संग्रहण बढ़ने पर भी बल दिया जाना चाहिए।