राजस्थान के अलवर जिले में साल 2017 में गाय की तस्करी करने के आरोप में पीट-पीटकर मार डाले गए पहलू खान के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किए जाने पर आलोचना का शिकार हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि मामले की जांच पूर्व की भाजपा सरकार ने कराई थी। उन्होंने नए सिरे से जांच का आश्वासन दिया।
गहलोत ने कहा, “हमारी सरकार में सिर्फ आरोप-पत्र दाखिल किया गया है। वसुंधरा राजे सरकार की जांच में विसंगतियां पाए जाने पर हम जांच करेंगे। किसी भी गलती का खुलासा होने पर हम दोबारा जांच कराने का आदेश देंगे।”
पहलू खान को 2017 में जयपुर-दिल्ली राजमार्ग पर अलवर में पीट-पीटकर मार डाला गया था जब वह और उसके बेटे जयपुर में एक मेले से मवेशी खरीदकर हरियाणा के नूहं स्थित अपने घर ले जा रहे थे।
हालांकि राजस्थान पुलिस ने शनिवार को दाखिल किए गए आरोप-पत्र में पहलू खान को मरणोपरांत एक गोतस्कर बताया है और उस पर राजस्थान बोवाइन (गाय) पशु अधिनियम 1995 की विभिन्न धाराओं का आरोपी बताया है। उसके बेटे इरशाद (25) और आरिफ (22) के खिलाफ भी गोतस्करी और गोकशी के मामले दर्ज हैं। आरोप-पत्र में एक पिक-अप वाहन के चालक का भी नाम है।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि इस मामले में दो प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं। जहां एक प्राथमिकी में आठ लोगों पर मॉब लिंचिंग का आरोप है, वहीं दूसरी में खान और उसके बेटों पर बिना अनुमति के मवेशियों का परिवहन करने का आरोप है। मॉब लिंचिंग के आठों आरोपी जमानत पर बाहर हैं।
बेहरोर के स्टेशन हाउस अधिकारी (एसएचओ) सुगंध सिंह ने कहा, “खान के खिलाफ सात मामले दर्ज हैं और अदालत में सात चालान पेश किए जा चुके हैं। अदालत में इन मामलों पर सुनवाई चल रही है।”
सिंह ने कहा, “उसके खिलाफ 30 दिसंबर 2019 को आरोप-पत्र दाखिल किया गया था, जब राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बन चुकी थी।