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गहलोत सरकार को झटका, BTP ने वापस लिया समर्थन, कांग्रेस-BJP पर लगाया मिली भगत का आरोप

वेलाराम घोघरा ने कहा, “इस घटनाक्रम से कांग्रेस और बीजेपी , दोनों का असली चेहरा सामने आ गया है। हम राज्‍य की गहलोत सरकार से अपने रिश्‍ते खत्‍म कर रहे हैं और इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी।”

राजस्थान की गहलोत सरकार को बड़ा झटका लगा है। भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने जिला परिषद प्रमुख और पंचायत समिति प्रधान चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी पर मिलीभगत का आरोप लगाया हुआ राज्य सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। बीटीपी ने कहा है कि वह राज्‍य सरकार से अपने रिश्‍ते खत्‍म करेगी।
बीटीपी के प्रदेशाध्‍यक्ष वेलाराम घोघरा के अनुसार इन दोनों पार्टियों की ‘मिलीभगत’ से वह डूंगरपुर में अपना जिला प्रमुख और तीन पंचायत समितियों में प्रधान नहीं बना पाई जबकि बहुमत उसके पास था। घोघरा ने कहा, ‘‘इस घटनाक्रम से कांग्रेस और बीजेपी , दोनों का असली चेहरा सामने आ गया है। हम राज्‍य की गहलोत सरकार से अपने रिश्‍ते खत्‍म कर रहे हैं और इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी।’’ 
राज्‍य में बीटीपी के दो विधायक हैं जिन्‍होंने गहलोत सरकार पर संकट के समय और राज्‍यसभा चुनाव के समय कांग्रेस का साथ दिया था। बीटीपी की ताजा नाराजगी जिला परिषद प्रमुख व पंचायत समिति प्रधान के लिए गुरुवार को हुए चुनाव में कांग्रेस व बीजेपी द्वारा कथित तौर पर ‘हाथ’ मिलाने को लेकर है। डूंगरपुर जिला परिषद में 27 में से 13 सदस्‍य बीटीपी के जीते, बीजेपी के आठ व कांग्रेस के छह प्रत्‍याशी जीते, इसके बावजूद प्रधान के चुनाव में बीजेपी की सूर्यादेवी अहारी ने निर्दलीय के रूप में पर्चा भरा एक वोट से जीत गयीं। 
बीटीपी प्रदेशाध्‍यक्ष घोघरा के अनुसार सात पंचायत समिति में पार्टी के पास बहुमत था और उसके प्रधान बनने थे लेकिन इन दोनों पार्टियों की ‘मिलीभगत’ के चलते वह केवल चार जगह प्रधान बना पाई। यह प्रकरण दो दिन से सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा में जहां कुछ लोग ‘बीजेपी कांग्रेस एक है’ हैशटैग से इसकी चर्चा कर रहे हैं। घोघरा ने कहा कि इन पार्टियों का कल का रवैया ‘लोकतंत्र की हत्‍या करने वाला है और बीटीपी इन दोनों से ही दूरी रखकर आदिवासी लोगों की आवाज उठाती रहेगी।’ बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज किया है। 
पार्टी के प्रदेश प्रवक्‍ता रामलाल शर्मा ने कहा,‘‘ हमने किसी को कोई लोभ-लालच नहीं दिया। सबने अपने विवेक के आधार पर फैसला किया। आत्‍मा की आवाज के आधार पर कोई भी किसी का समर्थन कर सकता है।’’ वहीं कांग्रेस नेता इस बारे में टिप्‍पणी से बचते रहे। 

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