विपक्षी दल भाजपा ने किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर शुक्रवार को विधानसभा से बहिर्गमन किया। प्रश्नकाल के दौरान प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कृषि कर्ज माफी व इसके लाभान्वितों के बारे में सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना के जवाब पर आपत्ति जताई।
राठौड़ ने कहा कि कागज में दिए गए आंकड़ों तथा मंत्री की ओर से सदन में दिए गए जवाब में अंतर है। सरकार ने कहा है कि 20,99,249 किसानों की 7179 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि माफ की गयी है। उन्होंने कहा कि सरकार को सही संख्या में बताना चाहिए कि कितने किसानों को कर्जमाफी का फायदा हुआ व कितनी राशि माफ की गयी।
इससे पहले मंत्री आंजना ने सदन को सूचित किया 17 फरवरी 2019 तक कर्जमाफी के लिए 19,99,200 आवदेन आये जिनमें से 19,70133 आधार आधारित प्रमाणित हो चुके हैं। इसके तहत 19,40,596 के ऋणमुक्ति प्रमाणपत्र जारी किए जा चुके हैं। इसमें कुल 7179 करोड़ रुपये के अल्पकालीन कर्ज माफ किए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि जहां तक अनुसूचित बैंकों से दो लाख रुपये के कर्ज की माफी का मामला है तो इसके बैंकों के साथ लगातार बैठक हो रही हैं।
मंत्री आंजना ने कहा कि लिखित व मौखिक उत्तर में अंतर प्रविष्टियों में दोहराव तथा जांच के दौरान अनेक किसानों के अपात्र पाये जाने की वजह से है। उन्होंने कहा कि सभी पात्र किसानों को कर्ज माफी के प्रमाणपत्र मिल चुके हैं।
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने भी ‘अनुमानित कर्जमाफी राशि’ पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इस पंक्ति से संदेह पैदा होता है कि धन स्थानांतरित हुआ भी या नहीं। कटारिया के अनुसार ‘अनुमानित’ शब्द से तो लगता है कि सरकार खुद ही स्पष्ट नहीं है। प्रतिपक्ष ने इस मुद्दे पर मंत्री से प्रश्न पूछना जारी रखा लेकिन अध्यक्ष सी पी जोशी ने उन्हें और पूरक प्रश्न की अनुमति नहीं दी। इस पर विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया।