दलित समुदाय को लेकर कांग्रेस पर दोमुंही राजनीति का आरोप लगाते हुए इंदौर के भाजपा नेताओं ने बुधवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा को दिल्ली से जयपुर के दो हवाई टिकट भेजे। इनमें शामिल एक भाजपा नेता ने कहा कि दोनों कांग्रेस नेताओं को उत्तरप्रदेश में ‘राजनीतिक पर्यटन’ छोड़कर कांग्रेस शासित राजस्थान में कथित उत्पीड़न के शिकार अनुसूचित जाति वर्ग की सुध लेनी चाहिए।
स्पीड पोस्ट से भेजे हवाई टिकट
चश्मदीदों के मुताबिक स्थानीय भाजपा नेताओं ने शहर के मुख्य डाकघर जीपीओ पहुंचकर गांधी और वाद्रा को स्पीड पोस्ट से हवाई टिकट भेजे। इनकी अगुवाई कर रहे भाजपा के जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर ने संवाददाताओं को बताया कि ये टिकट एक निजी एयरलाइन की बृहस्पतिवार शाम की दिल्ली-जयपुर उड़ान के लिए है।
राजनीतिक पर्यटन में मसरूफ राहुल और प्रियंका – सोनकर
सोनकर ने कहा, “कांग्रेस शासित राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में एक दलित व्यक्ति की हाल ही में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। लेकिन उत्तरप्रदेश के राजनीतिक पर्यटन में मसरूफ गांधी और वाद्रा के पास उसके शोकसंतप्त परिवार से मिलकर उसके परिजनों को ढांढस बंधाने का वक्त नहीं है।”
चंदा करके दिल्ली-जयपुर उड़ान की दो हवाई टिकटें खरीदी – भाजपा
भाजपा के दलित नेता ने कहा, “हमने इस उम्मीद से चंदा करके दिल्ली-जयपुर उड़ान की दो हवाई टिकटें खरीदी हैं कि इनके इस्तेमाल से गांधी और वाद्रा राजस्थान का दौरा करेंगे और इस राज्य में उत्पीड़न के शिकार दलित समुदाय की सुध लेंगे।”सोनकर ने आरोप लगाया कि दलित समुदाय को लेकर कांग्रेस दोमुंही राजनीति करती है और इस वर्ग को कांग्रेस ने हमेशा महज वोट बैंक समझा है।
लखीमपुर हिंसा मामले को लेकर भाजपा पर हमलावर है कांग्रेस
गौरतलब है कि गांधी और वाद्रा भाजपा शासित उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लगातार उठा रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले को लेकर बुधवार को ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद से अजय कुमार मिश्रा ‘‘टेनी’’ को बर्खास्त किया जाए ताकि निष्पक्ष जांच हो सके और पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सके।
कांग्रेस के इस प्रतिनिधिमंडल में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के दो वरिष्ठ नेता-एके एंटनी और गुलाम नबी आजाद भी शामिल थे।