जयपुर : राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (राजस्थान शाखा) एवं लोकनीति- सीएसडीएस के संयुक्त तत्वावधान में विधायकों के लिए आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी के समापन समारोह में राजनैतिक विश्लेषक जोया हसन के लोकसभा चुनाव पर किये गये विश्लेषण से नाराज भाजपा विधायकों ने समापन समारोह का बहिष्कार कर दिया।
राजस्थान विधानसभा में आयोजित संगोष्ठी में हसन लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चुनाव प्रचार पर अपने विचार रख रही थी जिस पर विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड ने आपत्ति जताते हुए कहा कि संगोष्ठी में अपनी विचारधारा के बारे में बातचीत नहीं करनी चाहिए और अन्य भाजपा विधायकों ने भी इस पर आपत्ति जताई।
शोरगुल के बीच सीपीए :राजस्थान शाखा: के अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि यह उनका (जोया हसन) का अपना व्यक्तिगत विश्लेषण और विचार है, कोई इससे असहमत भी हो सकता है लेकिन उनको :विधायको: वक्ताओं को सुनना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग सुनने के इच्छुक नहीं है वो जा सकते है और इसके बाद सीपीए के उपाध्यक्ष और प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया जो मंच पर हसन सहित पैनल के सदस्यों के बीच बैठे थे, सभी भाजपा विधायकों के साथ सदन से बहिगर्मन कर गए ।
हसन ने कहा कि ‘इस चुनाव ने आधुनिक भारतीय इतिहास में सबसे असाधारण व्यक्तित्व के निर्माण को देखा है। इसने इस चुनाव को सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए राष्ट्रपति चुनाव में बदल दिया। इस सरकार द्वारा एक व्यक्तित्व पंथ का निर्माण पांच वर्षों में किया गया है।’ उन्होंने कहा कि यह चुनाव हिंदू राष्ट्रवाद की परिकल्पना का समर्थन करता है, ताकि हिंदू राज्य का निर्माण हो सके। इसके लिए जमीनी स्तर का कार्य आरएसएस द्वारा वर्षों से तैयार किया गया था ताकि भारतीय राष्ट्र का निर्माण और उसकी कल्पना केवल हिंदुओं के लिए की जा सके।
हसन ने कहा कि जिन राजनीतिक ताकतों का भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं था, वे अब एकमात्र राष्ट्रीय प्रतिनिधि बन गए हैं। ऐसी राजनीतिक ताकतों ने भारतीय राष्ट्रवाद और हिंदू राष्ट्रवाद के बीच के अंतर को भी धुंधला बना दिया है। हसन के भाषण के बाद विधानसभा अध्यक्ष जोशी ने हसन से माफी मांगते हुए कहा कि भाजपा विधायकों के व्यवहार से उन्हें दुख पहुंचा है।