राजस्थान में बीते एक महीने तक चला सियासी ड्रामे को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शर्मसार करने वाला बताते हुए कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार एक ऐसी सरकार साबित हुई है जिसने कोरोना संकट में लोगों को राहत पहुंचाने की बजाय उनके साथ विश्वासघात किया। नड्डा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पार्टी की राजस्थान ईकाई के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, जिस तरीके से राज्य में अपराध बढ रहे हैं, वो इस बात का सूचक है कि प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं हैं।
नड्डा ने कहा कि प्रदेश में पिछले साल के मुकाबले आपराधिक मामलों में लगभग 80 प्रतिशत वृद्धि है। उसी तरह से महिला उत्पीडन में पिछले साल के मुकाबले 122 प्रतिशत, दलित उत्पीडन के लगभग 92 प्रतिशत और आदिवासी उत्पीडन के मामलों में 101 प्रतिशत बढोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि ‘बलात्कार, डकैती, लूटपाट के मामलों में बहुत बड़ी वृद्धि हुई है। यह आंकडे़ मैं आपके सामने इस लिये रख रहा हूं कि यह गहलोत सरकार की अकर्मण्यता, भाई भतीजावाद और सरकारी ढांचे के चरमराने का द्यौतक है।’
नड्डा ने कहा कि इन सारे विषयों को जनता तक सही तरीके से पहुंचाने की जिम्मेवारी और उनको इस बात के लिये उद्वेलित करने की भी जिम्मेवारी भाजपा के कार्यकर्ताओं की है। हमको पूरी ताकत के साथ इन विषयों को रखना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बिजली के बिलो में बढोतरी की जबकि वायदा किया था कि हम बिजली का बिल नहीं बढने देंगे। एक महीने तक चले सियासी संकट पर उन्होंने मुख्यमंत्री का नाम लिए बिना कहा,एक दूसरे के बारे में जो शब्दों का प्रयोग हुआ…मुख्यमंत्री अपने उपमुख्यमंत्री से 18 महीने से नहीं मिलते हैं और ना मिलने के साथ साथ निकम्मा कहते हैं और निकम्मा कहने के साथ साथ यह भी कहते हैं कि विकास में किसी का कोई योगदान नहीं..यह आपसी लड़ाई इस बात को बताती है कि पार्टी की लड़ाई किस तरीके से लोगों को मुसीबत में डालती है यह भी हमको समझना चाहिए।
सियासी संकट के दौरान कांग्रेस के कुछ विधायकों को होटल में रखे जाने का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा,‘‘कोरोना की लडाई के दौरान जब लोगों की सेवा करने की बारी थी तो ये लोग कोई ‘मुगले आजम देख रहा था.. कोई ‘शोले’ देख रहा था..कोई इटालियन डिश बना रहा था। ये सब जनता के सामने है ये सब जनता ने देखा है।’’ उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी नेता सचिन पायलट के बीच हुए समझौते पर कहा, अभी आपस में समझौता हुआ है… समझ में आता नहीं है कि समझौता किस आधार पर हुआ है.. क्या समझौते के आधार है और कितनी देर यह समझौता रहने वाला है, यह भी नहीं मालूम।
उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि भाजपा का एक एक कार्यकर्ता, विधायक पूरी ताकत से कोविड काल में जनता की सेवा कर रहे थे और जनता के बीच में थे और जनता की चिंता कर रहे थे। बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया, उपनेता राजेन्द्र राठौड सहित प्रदेश पदाधिकारी एवं जिलाध्यक्ष मौजूद थे।