भारत-पाकिस्तान 1971 युद्ध के विजय होने के बाद बीएसएफ द्वारा पहली दफा विजय दिवस मनाने के उपलक्ष्य पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके तहत बीएसएफ के जवान बॉर्डर पर तारबंदी के साथ-साथ कच्ची पक्की सड़कों तथा रेत के टीलों के पास दौड़ कर पार करते हुए 180 किलोमीटर का रास्ता मात्र 11 घंटों में तय कर अनूपगढ़ की कैलाश पोस्ट पर पहुंचे।
इस दौड़ में अधिक से अधिक जवानों की भागीदारी हो इसके लिए हर जवान अपनी पूरी ताकत के साथ लगभग 400 से 500 मीटर दौड़ा। इस दौरान कई जवान पेट्रोलिंग भी करते दिखे, कई जवान बैटन को हाथ में लेकर दौडने को लालयित नजर आए। बैटन रिले रेस में करीब 8 सौ पुरुष एवं महिला जवानों ने हिस्सा लिया। जिसमें बीएसएफ के सामान्य जवान से लेकर कमांडेंट तक सभी ने बारी-बारी से बैटन टॉर्च को हाथ में लेकर दौड़ लगाई।
अनूठे अंदाज़ में सीमा सुरक्षा बल @BSF_India ने मनाया विजय दिवस, हाथ में बेटन लेकर रात में सीमा पर दौड़े बीएसएफ के जवान, 11 घंटों में तय की 180 किलोमीटर की दूरी, 1971 के भारत-पाक युद्ध में विजय दिलाने वाले भारतीय सेना के नायकों को किया याद@PIBHindi @airnewsalerts @sudhakardas pic.twitter.com/YGdM7cQhMb
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) December 15, 2020
Source : DD News
डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि बॉर्डर की कावेरी पोस्ट (खाजूवाला) से अनूपगढ़ के बीच पूरे रास्ते गहरा कोहरा छाया रहा। इस बीच जवान अपनी नियमित वर्दी में दौड़े। हर कोई हाथ आगे बढ़ाकर बैटन टॉर्च को अपने हाथ में लेने को उत्साहित था। कोहरा इतना ज्यादा था कि 100 मीटर तक कोई नजर नहीं आ रहा था।
बता दें कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत और बांग्लादेश को आजादी मिलने के बाद से हर साल 16 दिसंबर को भारत में विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 3 दिसंबर से शुरू हुए इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान की ऐसी हालत कर दी थी कि उस समय पाकिस्तानी सशस्त्र बल के तत्कालीन प्रमुख जनरल आमिर अब्दुल्लाह खान नियाज़ी ने अपने 93 हजार सैनिकों के साथ भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।