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बीटीपी ने व्हिप जारी किया, अपने दो विधायकों को राज्यसभा चुनाव में मतदान नहीं करने का निर्देश दिया

भारतीय ट्राइबल पार्टी ने बुधवार रात को अपने दो विधायकों को 10 जून को राज्यसभा चुनाव में मतदान में भाग नहीं लेने का निर्देश दिया है।

भारतीय ट्राइबल पार्टी ने बुधवार रात को अपने दो विधायकों को 10 जून को राज्यसभा चुनाव में मतदान में भाग नहीं लेने का निर्देश दिया है। इस ताजा घटनाक्रम से कांग्रेस की चिंता बढेगी। मंगलवार को उदयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद पार्टी विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की थी।
प्रदेश अध्यक्ष ने विधायकों को जारी किया व्हिप
बीटीपी के प्रदेशाध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने कहा कि विधायकों को व्हिप के जरिये राज्यसभा चुनाव में मतदान से परहेज करने का निर्देश दिया गया है। घोघरा ने कहा, ‘‘हमारे विधायकों ने 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान कांग्रेस पार्टी का समर्थन किया। पार्टी ने हमारी मांगों का मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया था लेकिन कुछ नहीं हुआ, इसलिये विधायकों को मतदान से परहेज करने का निर्देश दिया गया है।’’
पार्टी कार्यकर्ताओं के मशविरा के बाद कांग्रेस को समर्थन देने का किया था फैसला 
इस घटनाक्रम पर बीटीपी विधायक राजकुमार रोत ने कहा कि पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से सलाह मशविरा करने के बाद राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया गया था, लेकिन अब प्रदेश अध्यक्ष ने अपने दम पर व्हिप जारी किया है।
हमारी मांग केवल सत्तारूढ दल ही पूरा कर सकता हैं – राजकुमार रोत बीटीपी विधायक
रोत ने कहा ‘‘ हमें जानकारी मिली है कि प्रदेश अध्यक्ष ने व्हिप जारी किया है। कांग्रेस को समर्थन देने का निर्णय लेने से पहले पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ विचार विर्मश किया गया था। चूकि कांग्रेस पार्टी सत्ता में है,तो ऐसे हमारी मांगें, जो आदिवासी लोंगो और क्षेत्र के विकास से संबंधित है, केवल सत्तारूढ कांग्रेस द्वारा पूरी की जा सकती हैं। इसलिए हमने राज्यसभा चुनाव में सत्तारूढ पार्टी के उम्मीदवारों को समर्थन देने की घोषणा करने का फैसला किया था।’’
 उदयपुर में मौजूद दोनों बीटीपी विधायक, कांग्रेस विधायकों के साथ नही ठहरे 
रोत ने कहा , ‘‘हम (विधायक) आगे की कार्रवाई तय करने के लिये कल पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा करेंगे।’’ दोनों बीटीपी विधायक राजकुमार रोत और रामप्रसाद डिंडोर और आदिवासी नेता कांतिभाई, मणिलाल गरासिया, और मोहनलाल रोत सहित अन्य लोगो के साथ उदयपुर की एक होटल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ बैठक की थी।उदयपुर की होटल में कांग्रेस और अन्य समर्थक विधायक ठहरे हुए है। विधायकों ने मुख्यमंत्री को कुछ मांगों की सूची दी थी। बैठक के बाद दोनों विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की थी।बीटीपी के दोनों विधायक उदयपुर में एक अलग स्थान पर ठहरे हुए है। वे उस होटल में नहीं रूके हुए है जहां कांग्रेस और उनके समर्थक विधायक ठहरे हुए है।
कांग्रेस ने तीन उम्मीूदवारों का उतारा हैं राज्यसभा चुनाव के  मैदान में 
कांग्रेस ने 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिये तीन उम्मीदवार मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला, और प्रमोद तिवारी को मैदान में उतारा है।भाजपा ने पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाडी को टिकट दिया है। भाजपा और आरएलपी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करने वाले मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा को समर्थन दिया है।
क्या हैं राज्यसभा चुनाव का समीकरण 
राजस्थान में 200 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के पास 108 विधायक है, भाजपा के 71, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के तीन सीपीआई (एम) और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो दो , राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के एक और 13 निर्दलीय विधायक है।
सत्तारूढ कांग्रेस पार्टी की अपने 108 विधायकों के साथ दो सीटों पर जीत सुनिश्चित है। दो सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस के पास 26 अधिशेष वोट होंगे, तीसरी सीट पर जीत दर्ज करने के लिये पार्टी को 15 और मतों के साथ 41 वोटो की आवश्यकता है।
राजस्थान विधानसभा में भाजपा के 71 विधायक है। भाजपा को एक सीट पर जीत दर्ज करने के लिये पर्याप्त वोट हैं। पार्टी ने 30 अधिशेष वोट और आरएलपी ने तीन वोटो के लिये निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को समर्थन देने की घोषण की है। चंद्रा को जीतने के लिये आठ और वोटों की जरूरत होगी।
 

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