मुख्यमंत्री गहलोत ने विधानसभा में किया सात संकल्पों पर आधारित राजस्थान का सालाना बजट पेश - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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मुख्यमंत्री गहलोत ने विधानसभा में किया सात संकल्पों पर आधारित राजस्थान का सालाना बजट पेश

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट पेश करते हुए इसे निरोगी राजस्थान सहित सात संकल्पों पर आधाारित बताया और कहा कि इस बजट में कोशिश की गई है कि तमाम चुनौतियों के बावजूद राज्य में विकास की राह बाधित नहीं हो।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वित्त वर्ष 2020-21 के लिए राज्य का बजट गुरुवार को विधानसभा में पेश किया। मुख्यमंत्री हलोत ने बजट पेश करते हुए इसे निरोगी राजस्थान सहित सात संकल्पों पर आधाारित बताया और कहा कि इस बजट में कोशिश की गई है कि तमाम चुनौतियों के बावजूद राज्य में विकास की राह बाधित नहीं हो। 
बजट में गहलोत ने आगामी वित्त वर्ष में 53,151 नयी भर्तियां करने का प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि बजट में किसी नये कर का प्रस्ताव नहीं किया गया है। साथ ही गहलोत ने विभिन्न करों में बदलाव करते हुए 130 करोड़ रुपये की छूट देने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री गहलोत के पास वित्त विभाग भी है। 
उन्होंने गुरुवार को राज्य विधानसभा में सालाना बजट पेश करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण उसके राजस्व में कमी आई है और इसका खामियाजा राजस्थान को भी भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को केंद्रीय करों में मिलने वाले हिस्से में 10362 करोड़ रुपये की कटौती की जा रही है। 
गहलोत ने कहा ‘‘हमारी संघीय व्यवस्था में राज्यों की वित्तीय स्थिति काफी हद तक केंद्र सरकार की नीतियों तथा निर्णयों पर निर्भर करती है। आज देश की अर्थव्यवस्था के अधिकांश सूचकांक संकेत दे रहे हैं कि देश की अर्थव्यवस्था वर्तमान में बुरे दौर से गुजर रही है।’’ पिछले बजट में जनकल्याणकारी कदमों का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि हमने इस बजट में भी ठोस कार्ययोजना पेश करने का प्रयास किया है। 
उन्होंने कहा ‘‘ हमारे लिए संपूर्ण राजस्थान एक परिवार की तरह है। इस परिवार के लिए मैं सात संकल्पों को इस बजट की प्राथमिकताएं बताना चाहता हूं। ये संकल्प हैं निरोगी राजस्थान, संपन्न किसान, महिला बाल व वृद्ध कल्याण, सक्षम मजदूर छात्र युवा जवान , शिक्षा का परिधान, पानी बिजली व सड़कों का मान, कौशल व तकनीकी प्रधान।’’ 
गहलोत ने कहा, ‘‘हमारी सरकार की वित्तीय नीतियां व प्राथमिकताएं क्या हों इसके लिए हमने कृषकों, पशुपालकों, महिलाओं, छात्रों, युवाओं, औद्योगिक व व्यापारिक संगठनों, सिविल सोसायटी के विचारों तथा सुझावों को ध्यान में रखते हुए एक समावेशी बजट बनाने का प्रयास किया है। 
प्रदेश के समग्र विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आने वाले वर्ष में कौन कौन से दूरगामी कदम उठाना चाहते हैं इसका ब्यौरा देने से पहले ये समीचीन है कि मैं देश की आर्थिक स्थिति की सच्ची तस्वीर आपके सामने पेश करूं।‘‘ गहलोत ने कहा, ‘‘इसका जिक्र करने का कारण यह भी है कि हमारी संघीय व्यवस्था में राज्यों की वित्तीय स्थिति काफी हद तक केंद्र सरकार की नीतियों और निर्णयों पर निर्भर करती है।’’ 
विनिर्माण, सेवा और कृषि क्षेत्र के वृद्धि दर अनुमानों का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि उक्त सभी आंकड़ों से स्पष्ट है कि देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गयी है। उन्होंने कहा ‘‘केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण राजस्व में जो गिरावट आ रही है उसके खामियाजे के रूप में केंद्र द्वारा, हमें भेजे जाने वाले हमारे हिस्से की कर राशि में से 10362 करोड़ रुपये काटे जा रहे हैं। 
केंद्र सरकार तो कई तरीकों से धन जुटा लेती है जैसे रिजर्व बैंक से धन लेकर, एयर इंडिया व बीपीसीएल में विनिवेश कर, एलआईसी में हिस्सेदारी कम करके जबकि राज्यों के पास कोई विकल्प नहीं है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘ इन चुनौतियों के बावजूद इस बजट में हमने कोशिश की है कि विकास की राह बाधित नहीं हो।’’ 

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