राजस्थान में बिजली संकट को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश दुनिया और प्रदेश के हालातों की तुलना करते हुए प्रदेशवासियों से सहयोग की अपील की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रदेश ही नहीं, पूरा देश इस समय भयंकर बिजली संकट से जूझ रहा है। राजस्थान भी इससे अछूता नहीं है। मौसम तंत्र के परिवर्तन से बिजली की मांग अधिक हो गई है। मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़ा है।
प्रदेश ही नहीं, पूरा देश इस समय भयंकर बिजली संकट से जूझ रहा है। राजस्थान भी इससे अछूता नहीं है। मौसम तंत्र के परिवर्तन से बिजली की मांग अधिक हो गई है। मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़ा है। pic.twitter.com/YXAgjdL0pD
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 14, 2021
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, प्रदेश ही नहीं, पूरा देश इस समय भयंकर बिजली संकट से जूझ रहा है। राजस्थान भी इससे अछूता नहीं है। मौसम तंत्र के परिवर्तन से बिजली की मांग अधिक हो गई है। मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़ा है।
राज्य सरकार कोयले की आपूर्ति बढ़ाने हेतु निरंतर केंद्र सरकार के संपर्क में है, ताकि बिजली उत्पादन सुचारू रूप से चल सके व लोगों को निर्बाध बिजली सप्लाई मिल सके। आप सभी से अपील है बिजली का सीमित व विवेकपूर्ण इस्तेमाल करें। जो बिजली उपकरण काम नहीं आ रहे हैं,उन्हें बंद रखें बिजली बचाएं।
गहलोत ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक सरकारी विज्ञापन भी साझा किया है, जिसमें कहा गया था कि चीन, ब्रिटेन और यूरोपीय देश, भारत और राज्य एक साथ कोयला संकट का सामना कर रहे हैं।
सीएम ने लिखा है कि
• इस समय दुनिया भर के देश ऊर्जा संकट से गुजर रहे हैं.
• चीन में बिजली की भारी कमी है जिससे अधिकांश फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप हो चुका है. यूरोपीय देशों में महीने भर में लिक्विड गैस की कीमतें 130% बढ़ गई है।
• यू.के. में पेट्रोलियम पदार्थों की भारी किल्लत है।
• लेबनान में बिजली की उपलब्धता में भारी कमी हो गई है।
• अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कोयते के दामों में तीन गुना से अधिक का उछाल है।
• अन्य कई देशों की सरकारों ने कह दिया है कि बिजली की भारी किल्लत है।
देश के हालातों के बारे में सीएम ने बताया कि-
• कोयले की खदानों में पानी भरने के कारण उपलब्धता में कमी
कोल इंडिया देश भर के बिजली संयंत्रों को उनकी जरूरत के हिसाब से सप्लाई नहीं कर पा रहा है. सेन्ट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के अनुसार देश के कुल 135 ताप बिजली घरों में से 110 में केवल 4 दिन या उससे कम का कोयला बचा है
• 16 बिजली संयंत्र कोपता खत्म होने के कारण बंद हो चुके हैं।
देश में करीब 17500 मेगावॉट बिजली की कमी हो रही है।
• 25 सयंत्र ऐसे हैं, जिनमें मात्र 1 दिन का कोयता बचा है।
• नियमों अनुसार हर बिजली संयंत्र के पास कम से कम 2 हफ्ते का कोयता स्टॉक होना चाहिए।
राजस्थान में क्या हैं हालात-
● कोल इंडिया से कोपले 11.5 रेक प्रतिदिन
• देश में बिजली उत्पादन कम होने से इंडियन की आपूर्ति होनी चाहिए, जिसके एवज में प्रतिदिन 5 रेक प्राप्त हो रही है।
● कोयले के संकट के कारण राजस्थान में बिजली
उत्पादन औसत 1800 मेगावॉट घट गया है।
● मौसम तंत्र के कारण पवन ऊर्जा में भारी कमी आई है।